नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व डीएफओ किशन चंद की शॉर्ट टर्म जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने शॉर्ट टर्म जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. किशन चंद के प्रार्थना पत्र पर न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की पीठ में सुनवाई हुई. आरोपी की ओर से बीमारी के उपचार के लिये शॉर्ट टर्म जमानत प्रदान की मांग की गयी. सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निचली अदालत में लंबित है. उस पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है. कोर्ट ने इसी आधार पर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.
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High Court News: पूर्व DFO किशन चंद की शॉर्ट टर्म जमानत याचिका को HC ने किया नामंजूर
कॉर्बेट नेशनल पार्क में भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पूर्व डीएफओ किशन चंद की शॉर्ट टर्म जमानत याचिका को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया है.
बता दे कि किशन चंद पर कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ वन प्रभाग के पाखरो एवं मोरघट्टी में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. विजिलेंस की ओर से किशन चंद समेत आधे दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ हल्द्वानी में आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 471 व एंटी करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13(1) A 13(2) के तहत मामला दर्ज है. आरोपी इन दिनों जेल में बंद है.
एनटीसीए के निरीक्षण में सामने आया मामला:राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निरीक्षण में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ काटने, क्षेत्र में मनमानी सड़क निर्माण, मोरघट्टी एवं पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अतिरिक्त जलाशय का मामला उजागर हुआ था. जांच में पता चला कि कार्य के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं ली गई. इस पर अगस्त 2022 में हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस ने किशन चंद एवं रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर प्राथमिकी दर्ज की. रेंजर की गिरफ्तारी के बाद से किशन चंद फरार चल रहा था.