नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल परिसर में हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अतिक्रमणकारियों को कोई राहत नहीं देते हुए उनसे सिविल न्यायालय में जाने को कहा है. जनहित याचिका में बुधवार को अतिक्रमणकारियों की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि प्रशासन द्वारा उनके बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के आदेश जारी हो गए हैं.
अतिक्रमणकारियों ने याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी एसएलपी में आदेश दिए थे कि वे उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखें. उनके सिविल वाद कई वर्षों से सिविल न्यायालय में विचाराधीन हैं. इसलिए उन्हें नहीं हटाया जाए. इस पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद जिन अतिक्रमणकारियों के सिविल वाद जिला न्यायालय में विचाराधीन हैं, वहां अपना पक्ष रखने को कहा है.
पूर्व में कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि अस्पताल की अतिक्रमण की गई भूमि को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त करें. मामले के अनुसार बीडी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ अशोक शाह द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद यहां से छोटी-छोटी जांचों के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. जबकि यहां इलाज कराने के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी शुरुआती जांच कर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.
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इस मामले की सुनवाई के दौरान अस्पताल की 1.49 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा होने की जानकारी कोर्ट के संज्ञान में लाई गई थी. इस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी. प्रशासन की रिपोर्ट में अस्पताल की भूमि में अतिक्रमण होने की पुष्टि हुई है.