देहरादून:आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने अभी से अपनी कमर कसी ली है. ऐसे में 2022 में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस भी दम भर रही है. कांग्रेस हमेशा राज्य सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर हमलावर रहती है और प्रदेश सरकार को किसी भी मुद्दे पर घेरने से नहीं चूकती है. हालांकि समय-समय पर कांग्रेस नेताओं और पार्टी में गुटबाजी और अंतर्कलह देखने को मिलते रहते हैं. लेकिन पार्टी और नेता इसको नकारते हुए ऑल इज वेल कहते दिखाई देते हैं.
ताजा मामला हल्द्वानी का है. यहां विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम पर हरीश रावत से जब सवाल पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि इसे सियासी संग्राम के रूप में या आपसी झगड़े के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह तो एक फौज के भीतर वार्मअप और एक्सरसाइज हो रही है. चुनाव के युद्ध में पूरी कांग्रेस फौज एकजुट होगी. क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव का मुकाबला भाजपा बनाम जनता के बीच है. कांग्रेस तो केवल माध्यम है. हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह हल्द्वानी के आईएसबीटी और जू को खत्म कर दिया गया और अब एक जुमला मिनी सचिवालय का छोड़ा गया है, इससे साफ है कि जनता अपने 4 सालों का हिसाब लेने के लिए आतुर खड़ी है. आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को उनके किए हुए कार्यों का जवाब मिल जाएगा.