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पश्चिमी वृत्त को मिलेगा WWF बाघ मित्र अवार्ड, टाइगर रिजर्व न होने के बावजूद किया उत्कृष्ट कार्य

आगामी गुरुवार को दिल्ली में आयोजित डीजी फारेस्ट के हाथों पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर घकाते को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ बाघ मित्र अवार्ड से नवाजा जाएगा. दरअसल, पश्चिमी वृत्त टाइगर रिजर्व न होने के बावजूद भी टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है. प्रदेश में साल 2018 में बाघों की संख्या 130 से बढ़कर 150 दर्ज की गई है.

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पश्चिमी वृत्त को मिलेगा WWF बाघ मित्र अवार्ड

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Published : Dec 18, 2019, 8:37 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड वन विभाग के पश्चिमी वृत्त को टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ बाघ मित्र अवार्ड 2018 से नवाजा जाएगा. पश्चिमी वृत्त टाइगर रिजर्व न होने के बावजूद भी टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है. प्रदेश में साल 2018 में बाघों की संख्या 130 से बढ़कर 150 दर्ज की गई है. जिसके चलते गुरुवार को दिल्ली में आयोजित डीजी फारेस्ट के हाथों पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर घकाते को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ बाघ मित्र अवार्ड से नवाजा जाएगा.

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बता दें कि, पश्चिमी वृत्त वन प्रभाग टाइगर रिजर्व न होने के बावजूद भी बाघों की संख्या में इजाफा करते हुए उत्कृष्ट कार्य किया है. विभाग द्वारा करीब 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर वन भूभाग क्षेत्र में 150 बाघों की उपस्थिति दर्ज कराई गई है. साथ ही बाघों की संख्या 130 से बढ़कर 150 दर्ज की गई है. इस उपलब्धि को देखते हुए पश्चिमी वृत्त वन प्रभाग को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ बाघ मित्र अवार्ड 2018 से नवाजा जा रहा है. जिससे पश्चिमी वृत्त के वन अधिकारी और कर्मचारी खासा उत्साहित हैं.

पश्चिमी वृत के वन संरक्षक डॉ.पराग मधुकर ने बताया कि विभाग द्वारा कम संसाधन में बेहतर काम करते हुए वन्य जीवो की सुरक्षा के प्रयास किए गए हैं, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि वृत्त के अंदर 500 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. जिसके माध्यम से वन्यजीवों और वनों की निगरानी की जाती है. उनका कहना है कि देश में 50 टाइगर रिजर्व हैं. जिनमें से 30 टाइगर रिजर्व ऐसे हैं जहां बाघों की संख्या 100 से भी कम है. ऐसे में टाइगर रिजर्व न होने के बावजूद भी इतनी बड़ी संख्या में बाघों की उपस्थिति दर्ज कराना वन विभाग की बहुत बड़ी उपलब्धि है.

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