उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अब शिक्षा पर भी पड़ी महंगाई की मार, 40 फीसदी तक महंगा हुआ स्टेशनरी आइटम

अब शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है. हल्द्वानी में कॉपी, किताब और स्टेशनरी आइटम की कीमतों में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हुई है. जिससे अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. स्कूल में अप्रैल माह से नया सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन फीस, कॉपी, किताब और अन्य चीजों की बढ़ी कीमतों का बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है.

Stationery items costlier
अब शिक्षा पर भी पड़ी महंगाई की मार

By

Published : Mar 30, 2022, 3:52 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 6:29 PM IST

हल्द्वानी: पिछले कई महीनों से बेतहासा बढ़ती महंगाई से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य समाग्री, फल, सब्जी सहित रोजमर्रा की चीजों की कीमत बढ़ती ही जा रही है. वहीं, अब महंगाई की मार शिक्षा पर भी पड़ने लगा है. स्कूल फीस वृद्धि के बाद अब कॉपी, किताब और स्टेशनरी पर भी पड़ा है. कॉपी, किताब और स्टेशनरी के दामों में 30 से 40% की वृद्धि हुई है. ऐसे में स्कूलों में नया सत्र शुरू होने जा रहा है. अभिभावकों को ऊपर बढ़े हुए दाम का बोझ पड़ रहा है. जिससे अभिभावक परेशान हैं.

कोरोना काल में 2 साल बाद एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटा है. छात्र, अभिभावक और स्कूल-कॉलेज नए सत्र की तैयारियों में जुटे हुए हैं. ऐसे में नए सत्र में महंगाई का मार अभिभावकों पर पड़ा है. जहां कॉपी, किताब सहित अन्य स्टेशनरी के दामों में 30 से 40% की वृद्धि हुई है, जो अभिभावकों के लिए किसी दोहरी मार से कम नहीं है.

बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कागज के साथ-साथ अन्य कच्चा माल महंगा होने के चलते कॉपी, किताब और अन्य स्टेशनरी के दामों में वृद्धि हुई है. अभिभावकों को पेंसिल रबड़ से लेकर कॉपी, किताब और औजार बॉक्स तक के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. ₹20 की कॉपी किताब की कीमत बढ़कर अब ₹27 से लेकर ₹30 तक हो गई है. ₹3 में मिलने वाला पेन की कीमत अब ₹5 हो गई है.

शिक्षा पर पड़ी महंगाई की मार

ये भी पढ़ें:विधानसभा सत्र: कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस विधायक मुखर, सदन के बाहर किया प्रदर्शन

हल्द्वानी के शैंफर्ड स्कूल के प्रबंधक दयासागर बिष्ट का कहना है कि स्टेशनरी की बढ़े हुए दाम की मार अभिभावकों पर भी पड़ रही है. जिन अभिभावकों के दो से तीन बच्चे स्कूल में पढ़ने वाले हैं. उन पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ा रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कॉपी, किताब के साथ-साथ स्टेशनरी के बढ़ते दामों पर भी लगाम लगाई जाए. जिससे कि बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार को चाहिए कि ठोस नीति के तहत कॉपी किताब और स्टेशनरी पर सब्सिडी उपलब्ध कराएं, जिससे कि बच्चे अपना पठन-पाठन कर सकें.

हल्द्वानी के स्टेशनरी विक्रेता अमित अग्रवाल के मुताबिक स्टेशनरी के दामों में 30 से 40% की वृद्धि हुई है. जिसका मुख्य कारण है कि बाजारों में कागज के अलावा अन्य कच्चा माल भी महंगा हो गया है. डिमांड अधिक है, लेकिन उत्पादन कम है, जो दाम बढ़ने का मुख्य कारण है. इसके अलावा बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ के दाम भी मुख्य कारण है.

Last Updated : Mar 30, 2022, 6:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details