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हल्द्वानी: लोगों को जागरुक करने के लिए प्रवक्ता ने पहाड़ी वाद्य यंत्रों से तैयार किया गीत

हल्द्वानी के रहने वाले राजकीय इंटर कॉलेज के प्रवक्ता ने बेटे के साथ मिल कर कोरोना के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एक गीत तैयार किया है. ये गीत पहाड़ के पारंपरिक वाद्य यंत्र हुड़का की धुन से तैयार किया गया है.

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प्रवक्ता ने तैयार किया जागरुकता गीत

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Published : Apr 30, 2020, 12:53 PM IST

हल्द्वानी:देशभर में वैश्विक महामारी कोरोना लगातार फैल रही है. इसको लेकर लोग अपने स्तर से अन्य लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं, जिससे कि इस घातक प्रकोप से जल्द निजात मिल सके. वहीं, हल्द्वानी के रहने वाले एक अध्यापक ने पहाड़ के पारंपरिक वाद्ययंत्र हुड़का की धुन से एक गाना तैयार कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिससे लोग जागरूक हो सकें.

प्रवक्ता ने तैयार किया जागरुकता गीत

दो गज दूरी के सिद्धांत को अपनाने की अपील करने का संदेश देते हुए हल्द्वानी के राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख, धारी नैनीताल के प्रवक्ता गौरीशंकर काण्डपाल ने कोरोना को लेकर लोगों को बीमारी से दूर रहने के लिए अपने गाने के माध्यम से दो गज दूरी बनाने की बात कही है. उन्होंने अपने गीत के माध्यम से हाथ जोड़कर लोगों से हाथों को समय-समय पर साफ करने का अभिवादन भी किया है.

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गौरीशंकर काण्डपाल ने अपने पुत्र प्रणव काण्डपाल के साथ मिलकर इस गीत को तैयार किया है. पहाड़ के पारंपरिक वाद्य यंत्र हुड़का के माध्यम से पिता-पुत्र ने लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने वालों से भी प्रश्न किया है, कि आखिर उनकी क्या मजबूरी है, जो लोग दो गज की दूरी के सिद्धांत को नहीं अपना रहे हैं.

प्रवक्ता द्वारा रचित गाने के बोल कुछ इस प्रकार हैं...

दो गज दूरी, बहुत जरूरी,
इससे रोग भगाने की, इच्छा होगी पूरी,
बीमारी को दूर भगाएं, दो गज दूरी को अपनाएं,
चलो एक नया हिंदुस्तान बनाएं,
2 गज दूरी को अपनाएं

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गौरीशंकर काण्डपाल इससे पहले भी कला और संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रहे कलाकारों को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते रहे हैं. इसलॉक डाउन की अवधि में उन्होंने विभिन्न कलाकारों के साथ संपर्क स्थापित कर उनके टेलिफोनिक इंटरव्यू लिए हैं. उनका मानना है, कि इस आपात स्थिति में लोगों तक कला और संस्कृति की धरोहर को पहुंचाने का यह एक सरल और सुलभ माध्यम है, जिसके द्वारा लोग कला और संस्कृति से जुड़े रहेंगे.

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