हल्द्वानी:नवीन मंडी परिषद हल्द्वानी में शॉर्टिंग-ग्रेडिंग मशीन पिछले डेढ़ साल से खुले आसमान के नीचे जंग खा रही है. पिछले साल किसानों के उत्पादों के ग्रेडिंग के लिए मशीन लाई गई थी. मंडी परिषद के अधिकारियों की लापरवाही के कारण मशीन खुले आसमान के नीचे सड़ रही है, लेकिन मंडी परिषद मशीन को लगाने की जहमत तक नहीं उठा रहा है.
नवीन मंडी में किसानों के आलू ,फल सहित अन्य उत्पादों के ग्रेडिंग के करने के लिए डेढ़ साल पहले मशीन लगाई गई थी. मशीन लगाने के लिए जगह का चयन भी हो चुका है. सरकार ने 2020 में मंडी परिषद को 32 लाख लागत की मशीन को ग्रेडिंग के लिए उपलब्ध करवाई गई थी. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद मशीन खुले आसमान के नीचे जंग खाने को मजबूर है.
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वहीं,हल्द्वानी मंडी के आलू फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लाने से पहले किसानों और व्यापारियों को विश्वास में नहीं लिया. व्यापारियों की मानें तो मंडी में ग्रेडिंग मशीन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि किसान अपने फसलों का ग्रेडिंग कर सीधे खेत से लेकर आता हैं. ग्रेडिंग मशीन के नाम पर सरकार के पैसे की बर्बादी करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से मशीन धूल फांक रही है लेकिन अधिकारी और मंडी परिषद सरकारी योजना को पलीता लगाने में लगे हुए हैं.
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इस मामले में जीवन सिंह कार्की पूर्व अध्यक्ष और व्यापारी हल्द्वानी मंडी ने कहा कि शॉर्टिंग-ग्रेडिंग प्लांट आमतौर पर फूड प्रोसेसिंग प्लांट में होता है. लेकिन मंडी परिषद का मकसद था कि पहाड़ से किसानों द्वारा मंडी में लाए जाने वाले आलू, प्याज और अन्य फल सब्जियों को सही आकार और उनकी सही गुणवत्ता दी जा सके. जिसको लेकर प्लांट की स्थापना की जानी थी, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता अब इस प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगा दिया है.