नैनीतालः दून घाटी को साल 1989 में इको सेंसिटिव जोन घोषित करने के साथ उसका मास्टर पालन के तहत विकास कार्य न करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास से पूछा है कि बल्लीवाला और आईएसबीटी फ्लाईओवर का निर्माण किस स्वीकृत मैप के अनुसार किया गया? अभी तक स्वीकृत मैप के अनुसार फ्लाईओवर का निर्माण भी नहीं हुआ है. गलत मैप की वजह से अभी तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश के स्थायी अधिवक्ता से इस मामले को प्राथमिकता से देखने को कहा है.
मामले को हाईकोर्ट ने आज गंभीरता से लेते हुए कहा कि साल 1989 में जब देहरादून शहर को केंद्र सरकार ने पर्यटन विकास की तर्ज पर विकास करने का शासनादेश जारी किया था. उसके बाद भी वहां अनियमित और अनियोजित तरीके से विकास कार्य हो रहे हैं. वैसे भी देहरादून प्रदेश की राजधानी है. उसका विकास तो स्वीकृत मास्टर प्लान के मुताबिक किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में टिप्पणी कर कहा कि सरकार ने तो विकास का चश्मा पहन रखा है. सरकार को क्या पता अन्य जगहों का विकास कैसा हो रहा है?
ये भी पढ़ेंःबल्लीवाला फ्लाईओवर पर हर मोड़ पर 'यमराज', अब स्पीड ब्रेकर दे रहे 'दर्द'