नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के सक्खनपुर में स्थित मनराल स्टोन क्रशर के अवैध रूप से संचालित होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने नैनीताल डीएम को संचालन पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. कार्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तिथि नियत की है.
गौर हो कि मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या राज्य में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति देने से पूर्व साइलेंट जोन, इंडस्ट्रियल जोन और रेजिडेंशियल जोन का निर्धारण किया गया है या नहीं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि राज्य गठन से अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कौन सा क्षेत्र रेजिडेंशियल है कौन सा क्षेत्र इंडस्ट्रियल और कौन सा क्षेत्र साइलेंट जोन.
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जहां मर्जी हो वहां स्टोन क्रशर खोले जाने के अनुमति दी जा रही है. जबकि हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि न्यायालय के आदेश के बिना स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति नहीं दी जाए. उसके बाद भी पीसीबी व सरकार ने पुरानी तिथि से इसे लगाने की अनुमति दे दी. यह स्टोन क्रशर आबादी क्षेत्र में लगाया गया है.
रामनगर निवासी आनंद सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क के समीप सक्खनपुर में मनराल स्टोन क्रशर अवैध रूप से चल रहा है. स्टोन क्रशर के पास पीसीबी का लाइसेंस नहीं है. स्टोन क्रशर कार्बेट नेशनल पार्क के समीप लगाया है. याचिकाकर्ता का भी कहना है उत्तराखंड में अभी तक राज्य सरकार द्वारा राज्य में साइलेंट जोन, इंडस्ट्रियल जोन और रेजिडेंशियल जोन का निर्धारण नहीं किया गया है. बावजूद इसके किसी भी जगह स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दे दी जाती है. लिहाजा इन स्टोन क्रशरों को बंद किया जाए.