नैनीतालःनैनीताल से भाजपा उम्मीदवार सरिता आर्य के जाति प्रमाण पत्र को एसडीएम के पास चुनौती देने के मामले के बाद सरिता आर्य अब खुलकर सामने आई है. सरिता आर्य ने कहा कि यशपाल आर्य और संजीव आर्य के द्वारा उन्हें परेशान करने के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है. विपक्ष के लोग जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहे हैं ताकि वह नामांकन न कर सकें.
नैनीताल विधानसभा सीट से भाजपा की उमीदवार सरिता आर्य अपने जाति प्रमाणपत्र पर दायर की कई आपत्ति को लेकर भावुक हो गईं. सरिता आर्य ने कहा कि विरोधी बार-बार मुझसे मेरी जाति क्यों पूछ रहे हैं. मैं महिला हूं, इसलिए वे मुझ पर बिना सुबूतों के निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह एक बार नगर पालिका अध्यक्ष व दो बार विधायक पद का चुनाव लड़ चुकी हूं. हर बार अपने प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए. हाईकोर्ट से भी जीत चुकी हूं. इसके बावजूद राजनीतिक विरोधी जान बूझकर मुझे निशाना बना रहे हैं. विपक्षी दल बार-बार मेरी कास्ट को चैलेंज कर रहे हैं. क्या मैं बार-बार ये बताऊंगी कि मैं इल्लीगल बच्चा हूं. पूरी दूनिया में मेरा बखेड़ा किया जा रहा है.
जाति प्रमाण पत्र के बवाल पर रोयीं सरिता आर्य ये भी पढ़ेंः रामनगर से रणजीत रावत की दावेदारी हुई ध्वस्त, हरीश रावत को मिला टिकट, बढ़ेगा जय-बीरू का घमासान !
सरिता आर्य ने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के इशारे पर उनको परेशान करने का काम किया जा रहा है ताकि मैं खुद नामांकन न भर सकूं. सरिता आर्य ने कहा कि 'क्या मुझे अपनी जाति का बार-बार सुबूत देना पड़ेगा'. उन्होंने कहा कि मेरी मां और पति अनुसूचित जाति के हैं. मैं बचपन से ही भूमियाधार में रही हूं. वहां का हर नागरिक उनके बारे में जानता है. लेकिन महिला होने के कारण मुझे बार-बार निशाना बनाया जा रहा है. कुछ लोग एक महिला को राजनीति में आगे नहीं बढ़ने देना चाहते.
उन्होंने कहा कि जिस शख्स ने मेरे जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, वह हल्द्वानी के गौलापार का निवासी है. वह न तो नैनीताल विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है और न ही नैनीताल की जानकारी रखता है. इससे साबित होता है कि यह राजनीतिक साजिश है और विरोधी मुझे जानबूझ कर निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि उच्च न्यायालय इस मामले में पहले ही उनके पक्ष में निर्णय दे चुका है.