हल्द्वानीः कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी से साथ नंधौर और शारदा नदी से अभी तक खनन शुरू नहीं हो पाया है. खनन सत्र को एक महीना बीत चुका है, लेकिन इन नदियों से खनन का काम शुरू नहीं हो पाया. ऐसे में खनन कारोबार से जुड़े लोगों के साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
एक महीना बीत गया, लेकिन शुरू नहीं हो पाया खननःआमतौर पर इन नदियों से एक अक्टूबर से खनन सत्र शुरू हो जाता है, लेकिन एक महीने बाद भी इन नदियों से खनन नहीं शुरू हो पाया है. फिलहाल, कार्यदाई संस्था वन विकास निगम नदियों में ज्यादा पानी होने और तौल कांटों का मामला हाईकोर्ट में जाने को देरी का कारण बता रही है.
गौर हो कि इन नदियों से होने वाले खनन कार्य से सरकार को हर साल खनन सत्र में 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व मिलता है. जबकि, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है. वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने बताया कि इन नदियों में पानी ज्यादा है. जिसके चलते खनन निकासी कार्य में देरी हो रही है.
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