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उत्तराखंडः जमरानी बांध परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिली अंतिम मंजूरी - पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने अंतिम मंजूरी दी

40 वर्षों से लटकी जमरानी बांध परियोजना को आखिरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अंतिम मंजूरी मिल गई. इसके बनने से तराई क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पेयजल और सिंचाई संकट से निजात मिलेगी.

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जमरानी बांध

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Published : Dec 13, 2019, 8:35 AM IST

हल्द्वानीःकुमाऊं की महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अंतिम मंजूरी मिल गई है. मंजूरी मिलने के बाद अब जमरानी बांध का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने हस्ताक्षर कर पर्यावरण की अंतिम मंजूरी दे दी है. कुमाऊं की महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

जमरानी बांध परियोजना को गति मिली.

गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर के हस्ताक्षर के बाद अब फाइल को नीति आयोग को सौंपी जानी है. परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकारी कई दिनों से दिल्ली के विभिन्न मंत्रालयों से एनओसी लेने के लिए काम कर रहे हैं.

जमरानी परियोजना के अधीक्षण अभियंता संजय शुक्ला के मुताबिक 18 दिसंबर को दिल्ली में जमरानी बांध के संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक होनी है उस बैठक में परिजनों के लिए धन की मंजूरी कराने का प्रयास कराए जाएंगे.

गौरतलब है कि जमरानी बांध के निर्माण हो जाने के बाद कुमाऊं मंडल के तराई क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पेयजल और सिंचाई संकट से निजात मिलेगी. 40 वर्षों से लटकी जमरानी बांध परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद लोगों में बेहद खुशी है.

यही नहीं डैम से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा. फिलहाल जमरानी बांध परियोजना को लेकर प्रशासन दिन रात काम कर रहा है. यही नहीं बांध के जद में आ रहे परिवारों को विस्थापन का भी काम किया जा रहा है.

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जमरानी बांध परियोजना 2,584 करोड़ लागत से तैयार होनी है. 9 किलोमीटर लंबे और 130 मीटर चौड़े और 485 मीटर ऊंचे इस बांध से 14 मेगावाट विद्युत के उत्पादन के साथ-साथ पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा.

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