हल्द्वानी: सुशीला तिवारी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल प्रक्रिया पर उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कड़ी नजर रखे हुए है. इसके साथ ही बोर्ड रोजोना मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की जानकारी भी एकत्रित कर रहा है. उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल में बनाए गए कोरोना सेंटर से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल प्रक्रिया पर बोर्ड नजर रखे हुए है.
अस्पताल प्रशासन द्वारा रोजाना निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का रिकॉर्ड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को उपलब्ध कराया जा रहा है. 23 मार्च से 20 अप्रैल तक सुशीला तिवारी अस्पताल से कोरोना मरीजों के 255.5 किलो बायो मेडिकल वेस्ट निकला है. जिनका सुशीला तिवारी अस्पताल में बनाए गए सेंट्रल बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में निस्तारण किया गया है.
बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर पॉल्यूशन बोर्ड की नजर ये भी पढ़ें:LOCKDOWN: उत्तराखंड के ब्लड बैंक हो रहे BLANK, ये है वजह
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि प्रयोग में लाए मास्क और ग्लब्स को इधर-उधर फेंकने की बजाय सुरक्षित डस्टबिन में डालें. ताकि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
CPCB ने जारी की नई गाइडलाइंस
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कोविड-19 संक्रमित कचरा निस्तारण के लिए नई गाइडलाइंस तैयार की है. कोविड-19 संक्रमित कचरे के लिए अब देशभर में लाल और पीले रंग के कूड़ेदान होंगे. लाल रंग के कूड़ेदान में कोरोना संक्रमित और पीले रंग के कूड़ेदान में क्वारंटाइन किए गए मरीजों का कचरा डाला जाएगा. इनमें डबल पॉलीथिन लगाया जाएगा, ताकि निकालते समय कचरा लीक न करे.
बायो मेडकिल वेस्ट को एकत्रित करने वाले सफाई कर्मी और इसे निस्तारण के लिए ले जाने वाले वाहन भी अलग-अलग होंगे. सभी वाहन, कूड़ेदान और सफाईकर्मियों को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा.