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वन अनुसंधान केंद्र में खिला दुर्लभ प्रजाति का हॉलैंड का फूल - holland tulip flower

हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में हॉलैंड का फूल खिला है, जो इस समय आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वहीं अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रही वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम कर रहा है.

Holland flowers in haldwani
Holland flowers in haldwani

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Published : Mar 3, 2021, 4:23 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 6:03 PM IST

हल्द्वानीः वन अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो चुकी वनस्पतियों को संरक्षित और संवर्द्धन करने का काम कर रहा है. ऐसे में अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में हॉलैंड का खूबसूरत ट्यूलिप का फूल खिला हुआ है जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. अनुसंधान केंद्र में इस फूल को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है. वहीं, बताया जा रहा है कि इससे पहले ट्यूलिप का फूल केवल कश्मीर की घाटियों में देखने को मिलता था. फिलहाल मौसम परिवर्तन के चलते अनुसंधान केंद्र को फूल को संरक्षित करने में कठिनाई भी आ रही है.

वन अनुसंधान केंद्र में खिला दुर्लभ प्रजाति का हॉलैंड का फूल.

वहीं, वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि तीन साल पहले दिल्ली की एक एजेंसी के माध्यम से ट्यूलिप के बल्ब मंगाए गए थे. प्रयोग के तौर पर इसकी शुरुआत की गई है. ट्यूलिप गार्डन में ट्यूलिप के चार प्रकार के फूल लगाए गए हैं, जो आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि रिसर्च से पता चला है कि मौसम परिवर्तन के चलते पिछले साल की तुलना में इस साल एक महीने देरी से फूल खिला है.

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अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट के अनुसार ट्यूलिप कश्मीर जैसे आबोहवा में होता है, लेकिन हल्द्वानी और उत्तराखंड के मुनस्यारी में इसे संरक्षित करने का काम किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि फिलहाल ट्रायल के तौर पर अनुसंधान केंद्र इसको संरक्षित करने का काम कर रहा है. आमतौर पर यह फूल पहाड़ के 1500 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर खिलते हैं. उन्होंने बताया कि ट्यूलिप पहाड़ के लोगों के रोजगार का संसाधन बन सकता है. इसको लेकर काश्तकारों को जागरूक होने की जरूरत है. पहाड़ के युवा काश्तकार ट्यूलिप का उत्पादन कर अपने रोजगार का जरिया बना सकते हैं.

Last Updated : Mar 3, 2021, 6:03 PM IST

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