नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने शादीशुदा बेटियों के हक को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया है. कोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में शामिल विवाहित बेटियों को सरकारी नौकरी दिए जाने के मामले में विवाहित बेटी को परिवार का सदस्य माना है. मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन, न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की फुल बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी.
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चमोली निवासी संतोष किमोठी ने हाई कोर्ट में एक याचिक दायर कर मृत आश्रित कोटे की नौकरी उनको दिए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके पिता ने सेवाकाल के दौरान ही उनकी शादी कर दी थी. शादी के कुछ समय बाद ही पिता की आकस्मिक मौत हो गई थी. उनके परिवार में पिता के अलावा कोई भी वरिष्ठ व्यक्ति कमाई करने वाला नहीं है. जिस कारण उनके परिजनों की सही से देखभाल नहीं हो पा रही है.