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छात्रवृत्ति घोटाला: हाईकोर्ट ने सचिव समाज कल्याण से मांगा जवाब

छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने जांच में हो रही देरी समेत समाज कल्याण के द्वारा सहयोग न करने पर नाराजगी जताई है. मामले पर कोर्ट ने सचिव समाज कल्याण विभाग को 13 मार्च तक अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट

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Published : Mar 4, 2020, 4:37 PM IST

नैनीतालःप्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने सचिव समाज कल्याण को आगामी 13 मार्च को अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि तय तारीख तक जवाब नहीं दिए जाने पर आगामी 16 मार्च को सचिव समाज कल्याण को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देना होगा.

बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया था. जिसमें उन्होंने कहा है कि समाज कल्याण विभाग ने साल 2003 से अब तक अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग की ओर से करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है.

छात्रवृत्ति घोटाले मामले की सुनवाई.

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साल 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित की थी और 3 महीने में जांच पूरी करने को कहा था, लेकिन इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए.

इसी कड़ी में बुधवार को घोटाले की जांच कर रहे एसआईटी के मंजूनाथ टीसी हाईकोर्ट में पेश हुए और कोर्ट को बताया कि समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग घोटाले की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. जिस वजह से घोटाले की वास्तविक जांच नहीं हो पा रही.

जबकि, एसआईटी द्वारा बताया गया कि उधम सिंह नगर में 254 शिक्षण संस्थान हैं. जिसमें से केवल दो के दस्तावेज ही जांच के लिए उनके पास आए हैं, जिस वजह से उधम सिंह नगर में भी जांच पूरी नहीं हो पा रही और ना ही उधम सिंह नगर समाज कल्याण विभाग जांच में सहयोग कर रहा है. वहीं, कोर्ट ने पूछा है कि इतने बड़े मामले में विभाग का कौन अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहा और विभाग की ओर से उन पर क्या कार्रवाई की गई? इस पर भी सचिव जवाब दें.

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वहीं, मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने जांच में हो रही देरी समेत समाज कल्याण द्वारा सहयोग न करने पर नाराजगी जताई और सचिव समाज कल्याण विभाग को 13 मार्च तक अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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