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उमेश शर्मा के नामांकन पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड छुपाने का मामला, हाईकोर्ट ने याचिका की निरस्त - High Court Hearing

नैनीताल हाईकोर्ट ने उमेश शर्मा के नामांकन पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड छुपाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने याचिका को पोषणीयता के आधार पर निरस्त कर दिया. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने की.

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Published : Sep 2, 2022, 7:27 PM IST

नैनीताल: हरिद्वार जिले की खानपुर विधायक सीट से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा (Khanpur MLA Umesh Sharma) के नामांकन में संलग्न शपथ पत्र में संज्ञेय आपराधिक मुकदमों की जानकारी नहीं देने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की (Uttarakhand High Court hearing). कोर्ट ने उमेश शर्मा के नामांकन पत्र में आपराधिक मुकदमों की जानकारी नहीं देने, नामांकन पत्र स्वीकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और चुनाव आयोग को निर्देशित किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले में याचिका को पोषणीयता के आधार पर निरस्त कर दिया है. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने की.

मामले में हरिद्वार निवासी रविंद्र सिंह पनियाला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि खानपुर विधायक उमेश शर्मा ने निर्वाचन से पूर्व 2021 में अपने ऊपर दर्ज मुकदमों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर (Petition filed in Supreme Court) की थी. जिसमें उमेश शर्मा ने दुराचार और अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी सुनवाई अन्य न्यायालयों से स्थानांतरित कर सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2021 को उमेश शर्मा की केस ट्रांसफर पिटीशन खारिज (Umesh Sharma case transfer petition dismissed) कर दी थी.
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उमेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए मुकदमों की सूची की जानकारी 27 जनवरी को खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल नामांकन पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में नहीं दी और निर्वाचन अधिकारी ने भी उनका नामांकन पत्र जांच के बाद वैध घोषित कर दिया. याचिका में इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्वाचन आयोग को निर्देश (Instructions to the Election Commission) देने की मांग की गई है.

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