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पिथौरागढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन मामला, कोर्ट ने DM, शहरी विकास और टेक्निकल एजुकेशन सचिव से मांगा शपथ पत्र

Pithoragarh Engineering College पिथौरागढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज को मड़धूरा में चलाने के मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जिलाधिकारी, सचिव शहरी विकास और सचिव टेक्निकल एजुकेशन को 4 सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा है.

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उत्तराखंड हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 9, 2023, 3:36 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन मड़धूरा में करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जिलाधिकारी, सचिव शहरी विकास और सचिव टेक्निकल एजुकेशन से अलग-अलग शपथ पत्र चार सप्ताह में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तिथि नियत की गई है.

गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट, सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई. कोर्ट ने अधिवक्ता ललित सिंह सामंत को मुकदमे की पैरवी करने हेतु न्यायमित्र नियुक्त किया है. न्यायमित्र ने भूतत्व खनिकर्म इकाई उद्योग निदेशालय की 2014 की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. जिसमे कहा गया कि कॉलेज के लिए स्वीकृत भूमि के आसपास कोई भू धंसाव और भू कटाव नहीं हो रहा है. जिसपर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
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जनहित याचिका में कहा गया कि मड़धूरा में इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए यूपी निर्माण निगम द्वारा 14 करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च किया गया है. अब नई जगह इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए भूमि तलाशना सही नहीं है. मड़धूरा में सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने अपने चारागाह और भूमि दान में दी. अब सरकार इस जगह को सुरक्षित नहीं मान रही है. मड़धूरा में कॉलेज के लिए बने भवन के आसपास हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराने की भी मांग की है. वर्तमान समय में कॉलेज जीआईसी कॉलेज में चल रहा है. कॉलेज बनने से पहले इस भूमि की जांच की जानी चाहिए थी. जब कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण होने को है तो अब इसको सुरक्षित जगह नहीं माना जा रहा है.

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