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Special: संकट में 'खादी', सरकार ने दबाया ₹1.60 करोड़

हल्द्वानी का क्षेत्रीय गांधी आश्रम इन दिनों घाटे से गुजर रहा है. गांधी जयंती के मौके पर दी जाने वाली छूट के 1.60 करोड़ रुपये की रकम पिछले कई सालों से राज्य सरकार दबा कर बैठी है. जिससे खामियाजा गांधी आश्रम को भुगतना पड़ रहा है.

हल्द्वानी

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Published : Oct 10, 2019, 1:38 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 10:23 AM IST

हल्द्वानी: राज्य सरकार जहां एक ओर खादी को बढ़ावा देने की बात करती है तो वहीं हल्द्वानी के गांधी आश्रम को दी जाने वाली 1 करोड़ 60 लाख की रकम सरकार दबा कर बैठी है. कभी गांधी आश्रम के उत्पादों की खूब डिमांड होती थी लेकिन बदलते दौर में आश्रम घाटे के दौर से गुजर रहा है. उत्पादन और बिक्री में पिछले 3 सालों से लगातार गिरावट देखी जा रही है. यही नहीं, प्रदेश सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर आश्रम के उत्पादों पर 10% की दी जाने वाली छूट के 1 करोड़ 60 लाख रुपए पिछले 3 सालों से नहीं दिये जिससे क्षेत्रीय गांधी आश्रम करीब 60 लाख की घाटे से गुजर रहा है.

घाटे में चल रहा हल्द्वानी का क्षेत्रीय गांधी आश्रम

गांधी आश्रम के सचिव सुरेश पंत के मुताबिक, गांधी आश्रम हल्द्वानी 58 लाख 83 हजार रुपये घाटे के दौर से गुजर रहा है. पंत ने बताया कि गांधी जयंती के मौके पर गांधी आश्रम के प्रोडक्ट पर प्रदेश सरकार 108 दिन के लिए 10% की छूट देती है जबकि केंद्र सरकार की ओर से 15% की छूट दी जाती है. ऐसे में राज्य सरकार पिछले 3 साल के 10% की छूट के बकाया की 1 करोड़ 60 लाख की रकम दबा कर बैठी है.

पिछले तीन साल के आंकड़े (2015 से अब तक)

वर्षवार फुटकर बिक्री बिक्री (करोड़ में) घाटा (करोड़ में) घाटा प्रतिशत में
2015-16 916.81
2016-17 797.63 119.18 13%
2017-18 830.46 32.83 3.95%
2018-19 (मार्च तक) 765.12 65.34 7.86%

घाटे की वर्षवार स्थिति

साल (वित्तीय वर्ष) घाटा (लाख में)
2016-17 20.34
2017-18 20.49
2018-19 18 (मार्च तक)

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हल्द्वानी के गांधी आश्रम से जुड़े नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपद में पहले 32 दुकानें हुआ करती थीं, जो अब धीरे-धीरे बंदी की कगार पर हैं. वर्तमान में 26 दुकानें ही चल रही हैं जबकि 1300 महिलाएं सिलाई, बुनाई, कढ़ाई से जुड़ी हुई हैं जबकि 80 बुनकर रजाई गद्दे की धुनाई से जुड़े हुए हैं. 105 वेतनभोगी कर्मचारी भी कार्यरत हैं.

गांधी आश्रम के सचिव सुरेश पंत ने बताया कि बदलते दौर के चलते गांधी आश्रम के बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. गांधी आश्रम के उत्पादन में पहले कोई टैक्स नहीं हुआ करता था, लेकिन अब 5% से 15% तक जीएसटी लग जाने की वजह से बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. इसके अलावा ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ-साथ बड़े शोरूम और बड़े मॉल ने भी गांधी आश्रम के बिक्री पर असर डाल रखा है. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम के उत्पाद को बेचने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. जिससे लोग ऑनलाइन के माध्यम से गांधी आश्रम के उत्पाद खरीद सकें.

पंत के मुताबिक राज्य सरकार अगर अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड सरकार खादी वस्त्रों के बिक्री पर सब्सिडी 10% से बढ़ाकर 30% कर दे तो गांधी आश्रम के उत्पादकों के बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही गांधी आश्रम के उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी के लिए अलग से मार्केटिंग की व्यवस्था की जा रही है. जिससे गांधी आश्रम को बढ़ावा मिल सके.

Last Updated : Oct 11, 2019, 10:23 AM IST

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