उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

खनन निकासी वाहनों की GPS से होगी निगरानी, अवैध खनन पर लगेगा अंकुश - खनन निकासी वाहनों की GPS से निगरानी

नदियों से खनन निकासी में लगे वाहन अब जीपीएस के रडार पर होंगे. नंधौर नदी में खनन में लगे वाहनों में जीपीएस सबसे पहले लगाया जाएगा.

खनन निकासी

By

Published : Oct 18, 2019, 8:59 AM IST

हल्द्वानीःगौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी. वन विभाग और वन विकास निगम खनन निकासी में लगे वाहनों को पहली बार जीपीएस के माध्यम से निगरानी करने जा रहा है. देश में पहली बार उत्तराखंड में ऐसा होने जा रहा है जहां खनन में लगे वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी. वाहनों की जीपीएस से निगरानी से अवैध खनन पर लगाम लगेगी.

खनन निकासी वाहन होंगे GPS के रडार पर.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि कुमाऊं की सबसे बड़ी नदी गौला नदी और नंधौर नदी से बड़े पैमाने पर वन विभाग और वन विकास निगम द्वारा खनन काम कराया जाता है, जिसमें करीब 10 हजार वाहन खनन कार्य में लगे हुए हैं.

खनन कार्य में लगे कोई भी वाहन अवैध खनन न कर सकें उन वाहनों की निगरानी जीपीएस के माध्यम से की जाएगी. उन्होंने बताया कि जीपीएस के माध्यम से 24 घंटे उक्त वाहन की निगरानी की जा सकेगी कि वाहन नदी में खनन के लिए कब प्रवेश किया कब नदी से खनन लेकर निकला और किस लोकेशन में वाहन जा रहा है और खनन को कहां से लोड और अनलोड लोड कर रहा है उसकी सारी गतिविधियों की निगरानी होगी.

यह भी पढ़ेंः अटल आयुष्मान योजना का बढ़ेगा दायरा, 2015 के बाद वाले राशन कार्डधारकों को दिया जा सकता है लाभ

उन्होंने बताया कि इससे पूर्व नदियों में लगे खनन वाहनों की निगरानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन(आरएफआईडी) चिप के माध्यम से की जा रही थी जिसमें कई खामियां थी अब आरएफआईडी सिस्टम को बंद कर जीपीएस सिस्टम लगाया जाया जाएगा.

प्रभागीय वन अधिकारी त्रिपाठी ने बताया कि पहले चरण में नंधौर नदी में खनन में लगे वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा जबकि दूसरे चरण में गौला नदी के वाहनों में जीपीएस लगाए जाएगा. उन्होंने बताया कि वाहनों में जीपीएस लग जाने से नदी से होने वाले खनन में पूरी तरह से पारदर्शिता आएगी और अवैध खनन पर भी लगाम लगेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details