हल्द्वानीःगौला नदी और नंधौर नदी से खनन निकासी वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी. वन विभाग और वन विकास निगम खनन निकासी में लगे वाहनों को पहली बार जीपीएस के माध्यम से निगरानी करने जा रहा है. देश में पहली बार उत्तराखंड में ऐसा होने जा रहा है जहां खनन में लगे वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी. वाहनों की जीपीएस से निगरानी से अवैध खनन पर लगाम लगेगी.
तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि कुमाऊं की सबसे बड़ी नदी गौला नदी और नंधौर नदी से बड़े पैमाने पर वन विभाग और वन विकास निगम द्वारा खनन काम कराया जाता है, जिसमें करीब 10 हजार वाहन खनन कार्य में लगे हुए हैं.
खनन कार्य में लगे कोई भी वाहन अवैध खनन न कर सकें उन वाहनों की निगरानी जीपीएस के माध्यम से की जाएगी. उन्होंने बताया कि जीपीएस के माध्यम से 24 घंटे उक्त वाहन की निगरानी की जा सकेगी कि वाहन नदी में खनन के लिए कब प्रवेश किया कब नदी से खनन लेकर निकला और किस लोकेशन में वाहन जा रहा है और खनन को कहां से लोड और अनलोड लोड कर रहा है उसकी सारी गतिविधियों की निगरानी होगी.