नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत और मलिका पंत की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई 24 सितंबर की तिथि नियत की है.
मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए. क्योंकि पुलिस उनको गिरफ्तार करने जा रही है, परन्तु कोर्ट ने सरकार से इसमे कल तक जवाब पेश करने को कहा है.
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मामले के अनुसार शरद पंत और मलिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. इस दौरान पंजाब के एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैब द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है. जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन और सैंपल नहीं दिया है. इसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ था.