हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौलापार में वन भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा था. जिसकी सूचना पर वन विभाग की टीम पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और तीन निर्माणाधीन मकान ध्वस्त किये. साथ ही निर्माण सामग्री को भी जब्त किया. उधर, खटीमा में डैम क्षेत्र खाली कराने को लेकर यूपी सिंचाई विभाग ने मुनादी कराई.
वन क्षेत्राधिकारी आरपी जोशी ने बताया कि गौला रौखड़ ब्लॉक के अति संवेदनशील क्षेत्र कुवरपुर बीट संख्या- 2 बागजाला क्षेत्र के कालातीत पट्टों में अवैध भवन निर्माण की सूचना मिल रही थी. जहां वन भूमि पर तीन मकानों का निर्माण किया जा रहा था. जिनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 3 लोगों की ओर से कच्चा निर्माण भी किया गया था. उन्हें भी तोड़ दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों से तुरंत अतिक्रमण हटाने को कहा गया था, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने उनकी एक न सुनी. ऐसे में अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस फोर्स का सहयोग लिया गया. बुलडोजर से अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई. साथ ही बताया कि उक्त क्षेत्र में कुछ लोग जमीन कब्जा कर खरीद-फरोख्त का भी काम कर रहे थे. ऐसे में वन विभाग के बीट अधिकारी को वन भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
डैम क्षेत्र खाली कराने को लेकर यूपी सिंचाई विभाग ने कराई मुनादीःउधम सिंह नगर के खटीमा के गांव सिसैया, बंधा, बलुआ, खैरानी, बगुलिया, झाऊपरसा आदि में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग (Uttar Pradesh Irrigation Department) की ओर से डैम क्षेत्र खाली कराने को लेकर मुनादी कराई गई. जिससे ग्रामीणों में खलबली मच गई. सिंचाई विभाग की टीम को आक्रोशित ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक और विरोध का सामना भी करना पड़ा. मौके पर थाना झनकईया से पुलिस बल भी मुस्तैद रहा. ग्रामीण डैम क्षेत्र खाली न करने की जिद पर अड़े रहे. वहीं, ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन व उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी.
दरअसल, खटीमा में यूपी के स्वामित्व वाले शारदा सागर डैम के तट पर लगभग 70 सालों से बसे ग्रामीणों को यूपी सिचाई विभाग की ओर से नोटिस जारी कर 14 अप्रैल तक डैम खाली करने के लिए निर्देश दिया गया था. जिसका ग्रामीणों पर कोई असर नहीं पड़ा. वहीं, 7 मई को ग्रामीणों की ओर से आयोजित सांकेतिक जल समाधि का संज्ञान लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी भी पीड़ित ग्रामीणों के द्वार पहुंचे. जहां उन्होंने आश्वासन दिया था कि किसी को भी हटाया नहीं जाएगा. जलभराव व जमीन समेत सारी समस्याओं का हल निकाला जाएगा. जिस पर ग्रामीणों में काफी खुशी का माहौल था.
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वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राजकुमार के नेतृत्व में टीम ने 13 मई को पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचकर मुनादी कराई. डैम क्षेत्र को अतिशीघ्र खाली करने का निर्देश दिया. साथ ही बताया गया कि यदि अति शीघ्र डैम क्षेत्र खाली नहीं किया गया तो क्षतिपूर्ति के जिम्मेदार स्वयं ग्रामीण होंगे. उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. साथ ही जहां इस कार्रवाई से ग्रामीणों में खलबली और भय का माहौल है. वहीं, ग्रामीण खासे आक्रोशित और नाराज हैं.