हल्द्वानी: बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बनाया गया सेवायोजन विभाग उत्तराखंड के बेरोजगारों को रोजगार देने में फिसड्डी साबित हो रहा है. बात नगर सेवायोजन कार्यालय हल्द्वानी की करें तो उत्तराखंड बनने से अभी तक सेवायोजन विभाग 19 अभ्यर्थियों को ही सरकारी क्षेत्र में जबकि 783 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करा सका है. यह सभी सूचना आरटीआई से प्राप्त हुई हैं.
हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने नगर सेवायोजन कार्यालय से सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत सूचना मांगी थी. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार नगर सेवायोजन विभाग द्वारा उत्तराखंड बनने से अभी तक हल्द्वानी कार्यालय में 46,910 अभ्यार्थियों के रोजगार के लिए पंजीकरण कराए हैं. इनमें 19 अभ्यर्थियों को ही सरकारी क्षेत्र में जबकि 783 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. यही नहीं सेवायोजन विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य बनने से अभी तक युवाओं को रोजगार के लिए 36 शिविर और रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है. शिविर और रोजगार मेलों के नाम पर विभाग ने 1,769 रुपये खर्च किए हैं.
सेवायोजन विभाग रोजगार देने में है फिसड्डी, 20 साल में सिर्फ 19 को मिली सरकारी नौकरी - Employment Department haldwani updates
नगर सेवायोजन कार्यालय हल्द्वानी बेरोजगारों को रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुआ है. हल्द्वानी सेवायोजन कार्यालय में 46,910 अभ्यार्थियों ने रोजगार के लिए पंजीकरण कराए हैं. इनमें 19 अभ्यर्थियों को सरकारी क्षेत्र में जबकि 783 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
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सेवायोजन विभाग में दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं और हर महीने लाखों की तनख्वाह ले रहे हैं. लेकिन बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि उत्तराखंड बनने से अभी तक मात्र कुछ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराकर सेवायोजन विभाग अपना पल्ला झाड़ रहा है. ऐसे में सेवायोजन विभाग के साथ-साथ प्रदेश की सरकारों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि सरकारों ने बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए विभाग तो खोला है, लेकिन विभाग बेरोजगारों को रोजगार देने में नाकाम साबित हो रहा है.