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हल्द्वानी: दाल और तेल के दामों में 25% का इजाफा

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बाद बेकाबू हुई महंगाई की मार झेल रहा है. धीरे-धीरे इसका असर अब रसोई तक पहुंच गया है. दैनिक उपयोग की खाद्य सामग्री के दामों में बेहताशा बढ़ोतरी से गृहणियों का रसोई का बजट गड़बड़ा सकता है.

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Published : Oct 8, 2020, 8:03 PM IST

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दाल और तेल के दामों में है 20 से 25% की वृद्धि

हल्द्वानी:कोरोना संकट के बाद लगातार महंगाई में इजाफा देखा जा रहा है. पिछले कई महीनों से सब्जियों के दाम में भारी उछाल देखा जा रहा है. जिसके बाद अब दाल और तेल की कीमतों में भी भारी उछाल देखा जा रहा है. दाल और तेल की कीमत में 20 से 25% की वृद्धि हुई है. ऐसे में महंगाई ने एक बार लोगों के किचन का बजट को बिगाड़ दिया है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि आगे भी दलहन और तिलहन का दाम में इजाफा होगा, क्योंकि बरसात के चलते दालों और तिलहन को खेती को काफी नुकसान पहुंचा है.

आम हो या खास हर किसी की थाली की शोभा दाल होती है. दाल को पौस्टिक माना जाता है और सेहत के हिसाब से लोग इसका प्रयोग भी करते हैं. ऐसे में दाल अब आम आदमी के थाली से दूर होता जा रहा है. महंगाई का मार झेल रहे लोगों को ऊपर अब दाल की भी मार पड़ी है. अरहर, चना, उड़द, मसूर की दालें अपना रंग दिखा रही हैं.

तेल की कीमतों में उछाल.

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पिछले साल मात्र चने के दाल में उछाल देखा गया था, लेकिन इस साल सभी दालों में 20 से 25% का इजाफा हुआ है. बता दें कि हल्द्वानी दाल मंडी से कुमाऊं के अलग-अलग जिलों में रोजाना करीब 1000 से 1200 सौ क्विंटल दाल की खपत है. दुकानदारों की मानें तो इंदौर दिल्ली कानपुर दाल के मुख्य मंडी है, जहां से हल्द्वानी मंडी को सप्लाई होती है. लेकिन कई राज्यों में भारी बरसात के चलते हैं दाल और तिलहन की फसल काफी खराब हो चुके हैं. जिसके चलते दाल और तेल के दामों में इजाफा होने का मुख्य कारण हो रहा है. इसके अलावा डीजल पेट्रोल के दाम में भी वृद्धि हुई है. जिसके चलते किराया भाड़ा के साथ-साथ किसानों के उत्पादन में भी ज्यादा खर्चा आ रहा है.

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वहीं इस बार खाद्य तेल के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है. दो महीने के भीतर तेल और रिफाइंड के दामों में 15 से 20% की वृद्धि हुई है. दुकानदारों की मानें तो एक महीने पहले 90 से ₹95 प्रति किलो बिकने वाला खाद्य तेल अब 110से लेकर ₹120 रुपए किलो तक पहुंच गया है. वहीं, कुमाऊं मंडल की तेल की खपत की बात करें तो यहां रोजाना 70000 किलो खाद्य तेलों की खपत होती है.

कुमाऊं के सबसे बड़ी हल्द्वानी गल्ला मंडी के अध्यक्ष तरुण बंसल के मुताबिक फिलहाल मंडियों में तेल और दाल की आवक सामान्य बनी हुई है. किसी तरह का कोई दिक्कत नहीं है. दाल और तेल के दामों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. जब तक दाल और तिलहर की नई फसलें नहीं आ जाते तब तक महंगाई में वृद्धि रहेगी.

अंडे के दाम बढ़े.

वही, सब्जियों के आसमान छूती कीमतों के बाद अंडे की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है, अंडा 70 से ₹72 प्रति दर्जन बिक रहा है, जबकि अंडे की एक कैरेट 165 से ₹ 170 तक बिक रही है, अंडा प्रति साढ़े 6 रुपये बिक रहा है, अंडे का व्यापार करने वाले लोगों के मुताबिक आने वाले दिनों में अंडे का भाव 80 से ₹85 प्रति दर्जन तक भी जा सकता है, लिहाजा अब सब्जी और अंडा दोनों की कीमतें आदमी को खाने से दूर कर रही है, जबकि अंडा खरीदने वाले लोग भी बाजार में कम नजर आ रहे हैं.

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