हल्द्वानी:कोरोना संकट के बाद लगातार महंगाई में इजाफा देखा जा रहा है. पिछले कई महीनों से सब्जियों के दाम में भारी उछाल देखा जा रहा है. जिसके बाद अब दाल और तेल की कीमतों में भी भारी उछाल देखा जा रहा है. दाल और तेल की कीमत में 20 से 25% की वृद्धि हुई है. ऐसे में महंगाई ने एक बार लोगों के किचन का बजट को बिगाड़ दिया है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि आगे भी दलहन और तिलहन का दाम में इजाफा होगा, क्योंकि बरसात के चलते दालों और तिलहन को खेती को काफी नुकसान पहुंचा है.
आम हो या खास हर किसी की थाली की शोभा दाल होती है. दाल को पौस्टिक माना जाता है और सेहत के हिसाब से लोग इसका प्रयोग भी करते हैं. ऐसे में दाल अब आम आदमी के थाली से दूर होता जा रहा है. महंगाई का मार झेल रहे लोगों को ऊपर अब दाल की भी मार पड़ी है. अरहर, चना, उड़द, मसूर की दालें अपना रंग दिखा रही हैं.
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पिछले साल मात्र चने के दाल में उछाल देखा गया था, लेकिन इस साल सभी दालों में 20 से 25% का इजाफा हुआ है. बता दें कि हल्द्वानी दाल मंडी से कुमाऊं के अलग-अलग जिलों में रोजाना करीब 1000 से 1200 सौ क्विंटल दाल की खपत है. दुकानदारों की मानें तो इंदौर दिल्ली कानपुर दाल के मुख्य मंडी है, जहां से हल्द्वानी मंडी को सप्लाई होती है. लेकिन कई राज्यों में भारी बरसात के चलते हैं दाल और तिलहन की फसल काफी खराब हो चुके हैं. जिसके चलते दाल और तेल के दामों में इजाफा होने का मुख्य कारण हो रहा है. इसके अलावा डीजल पेट्रोल के दाम में भी वृद्धि हुई है. जिसके चलते किराया भाड़ा के साथ-साथ किसानों के उत्पादन में भी ज्यादा खर्चा आ रहा है.