हल्द्वानी/रामनगर:मार्च के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश से भले ही पहाड़ों में ठंडक दोबारा लौट आयी हो, लेकिन किसानों के सामने मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है. आसमान से बरसी इस आफत ने खेतों में खड़ी गेहूं और टमाटर की तैयार हो रही फसल को बर्बाद कर दिया है. वहीं ओलावृष्टि ने काश्तकारों की पैदावार को बर्बाद कर दिया है. रामनगर में लीची और आम की पैदावार को खासा नुकसान हुआ है. जबकि इस बार आम और लीची में अच्छा बौर आने से किसानों के चेहरे खिले हुए थे.
हल्द्वानी और रामनगर में बारिश और ओलावृष्टि ने ढाया कहर, पैदावार बर्बाद होने से किसान मायूस
हल्द्वानी और रामनगर में बारिश और ओलावृष्टि का कहर देखने को मिला है. यहां किसानों की गेहूं और टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है. वहीं रामनगर को लीची और आम के लिए पूरे देश में जाना जाता है. आम और लीची की फसल बर्बाद होने से किसान मायूस हैं.
किसानों की चिंता:हल्द्वानी में किसानों के खेतों में पानी भरा हुआ है. गेहूं की फसल पानी में डूब चुकी है. टमाटर की खेती को खासा नुकसान हुआ है. किसान सेवाराम का कहना है कि लगाई गई फसल की लागत का निकलना भी नामुमकिन है. किसान ने कहा कि विभाग द्वारा जो मुआवजा दिया जाता है, उससे इसकी भरपाई नहीं हो सकती है.
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रामनगर में बारिश और ओलावृष्टि का कहर:रामनगर में बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से लीची और आम की पैदावार पर असर पड़ा है. जिससे किसान मायूस दिखाई दे रहे हैं. अलग अलग क्षेत्रों में बेमौसमी ओलावृष्टि ने आम, लीची की फसल के साथ ही गेहूं, फल, फूल, सब्जी को भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं लगातार बारिश होने से तापमान में गिरावट आ गई है. बता दें कि बारिश कई लोगों पर आफत बनकर टूटी है. किसानों को जिसकी भरपाई की चिंता सताने लगी है. उद्यान विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह परवाल ने बताया कि आम, लीची की फसलों को 20 से 25% प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. जिससे किसान काफी मायूस हैं. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है, जिससे किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.