रामनगर: पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ रामनगर के चायवाले चंद्र प्रकाश कांडपाल ने गंदगी से दूर रहने का संदेश दिया है. चंद्र प्रकाश कांडपाल ने गंदगी फेंके जाने वाली जगह पर सैकड़ों पेड़-पौधे लगाकर इस इलाके को आबाद कर दिया है. आज यहां चारों ओर पौधों की हरियाली दिखाई देती है. चाय वाले चंद्र प्रकाश कांडपाल की इस पहल से लोगों में जागरूकता भी आई है. वहीं, अब प्रभागीय वनाधिकारी भी इस चायवाले को सम्मानित करने की बात कह रहे हैं.
चंद्र प्रकाश को लोगों का इस जगह पर शराब की खाली बोतलें फेंकना और कूड़ा-करकट डालना बहुत अखरता था. लेकिन ऐसा करने वाले असंख्य लोग थे और सफाई करने वाले वो अकेले. ऐसे में उन्होंने अपनी शक्ति लोगों से लड़ने-झगड़ने की बजाय पेड़-पौधे उगाने पर लगाई. जल्द ही इसका नतीजा भी सामने आ गया. फाइलों में ही हरियाली सजाने वाला वन विभाग भी अब प्रकृति के इस चितेरे को सम्मानित करके खुद की पीठ थपथपाना चाहता है.
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कई सालों से चाय का ठेला लगा रहे हैं चंद्र प्रकाश:वो कहते हैं ना अगर मन में समाज के लिए कुछ करने की ललक और इच्छा हो तो कुछ भी किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ रामनगर के एक चाय वाले चंद्रप्रकाश कांडपाल ने कर दिखाया है. चंद्र प्रकाश कांडपाल रामनगर के रानीखेत रोड में फॉरेस्ट कंपाउंड से लगते क्षेत्र के पास चाय का ठेला लगाते हैं.
आज से लगभग 7, 8 साल पहले चंद्र प्रकाश कांडपाल जिस क्षेत्र में चाय का ठेला लगाते थे वहां लोग कूड़ा, शराब की बोतलें, लघु शंका और गंदगी किया करते थे. लोगों ने इस क्षेत्र को शौचालय बना दिया था. चंद प्रकाश कांडपाल को ये बिल्कुल नहीं भाता था. इससे बीमारी फैलने की आशंका को देखते हुए वे यहां के कूड़े को कट्टों में भरकर नगर पालिका की गाड़ियों में डाल देते थे. ये सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा. लोग फिर भी यहां कूड़ा फेंकने से बाज नहीं आये.
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गंदगी वाले इलाके को हरियाली से किया आबाद: इसके बाद बाद चंद्र प्रकाश ने इस क्षेत्र में पेड़-पौधे लगाने के बारे में सोचा. उन्होंने धीरे-धीरे इस क्षेत्र में पौधे लगाने शुरू किये. जिसमें उन्होंने केला, हरड़, बेलपत्री, आम, कदंब, लीची, नींबू और पीपल जैसे कई पेड़-पौधे लगाये. इसके साथ ही उन्होंने यहां कई तरह के फूल भी लगाये. धीरे-धीरे चंद प्रकाश कांडपाल की मेहनत रंग लाई. उनके लगाये पेड़-पौधों से ये इलाका खूब हरा-भरा और सुंदर हो गया. जिससे लोगों ने भी यहां कूड़ा फेंकना बंद कर दिया.
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