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चिंताजनक! कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल में 7 महीने में 633 मरीजों की मौत, हर दिन तीन मौतें

बीते सात महीनों में सुशीला तिवारी अस्पताल में 633 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई है. इनमें 239 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी शामिल हैं.

including 239 corona patients.
239 कोरोना मरीज भी शामिल

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Published : Dec 16, 2020, 2:10 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 7:41 PM IST

हल्द्वानी:स्वास्थ्य व्यवस्था में हमेशा से बदनाम रहने वाला सुशीला तिवारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले 7 महीनों के भीतर 633 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई है. इनमें 239 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना तीन मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो रही है.

RTI की कापी

हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन से कोविड-19 के दौरान अस्पताल में हुई मौतों की जानकारी मांगी गई थी. अस्पताल प्रशासन ने जानकारी दी है कि,

  • इस वर्ष 23 मार्च से 31 अक्टूबर तक सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान 633 मरीजों की मौत हुई है.
  • मृतकों में 399 पुरुष और 234 महिलाएं शामिल हैं.
  • इन मौतों में 239 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी शामिल हैं.
  • कोविड-19 के दौरान अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के भोजन पर सितंबर महीने तक ₹69 लाख 52 हजार 226 खर्च किए गये हैं.
  • आपदा निधि के माध्यम से सरकार द्वारा 15 करोड़ 25 लाख रुपए की धनराशि अस्पताल प्रशासन को अवमुक्त की गई है, जिसके तहत 11 करोड़ 12 लाख रुपए खर्च किया जा चुका है, जबकि 4 करोड़ की धनराशि शेष बची हुई है.
  • मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत सरकार ने अस्पताल प्रशासन को तीन करोड़ दिए गए हैं, जिसके तहत एक करोड़ 58 लाख 76 हजार की धनराशि खर्च की जा चुकी है. एक करोड़ 58 लाख 76 हजार राशि अभी भी शेष बची हुई है.


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वहीं, आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर लोग कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं. उसके बावजूद भी अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं हो पा रही है. रोजाना तीन मरीजों की मौत हो रही है जो एक गंभीर विषय है.

शासन से बजट जारी होने के बाद भी व्यवस्था सुधारने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. ऐसे में सुशीला तिवारी अस्पताल में लोग उम्मीद लेकर इलाज के लिए आते हैं, लेकिन रोज तीन मरीजों की हो रही मौत के चलते लोग अब सुशीला तिवारी अस्पताल में आने से कतराते हैं.

Last Updated : Dec 16, 2020, 7:41 PM IST

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