हरिद्वार: जिले में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जिले के अधिकांश क्षेत्र जंगल से सटे होने के चलते हरिद्वार में लगातार जंगली हाथी इन इलाकों में अपनी दस्तक देते रहते हैं. इस वजह से जहां कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है तो वहीं किसानों की फसल भी भारी मात्रा में इन जंगली हाथियों के द्वारा बर्बाद कर दी जाती है. किसानों में इसको लेकर वन प्रभाग के खिलाफ भी काफी आक्रोश है. वहीं वन प्रभाग द्वारा जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.
किसानों का कहना है कि जंगली हाथी लगातार रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं और हमारी फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है. वन प्रभाग के कर्मचारी क्षेत्र में आते हैं, मगर हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोक नहीं पाते. हाथियों के आने से गांव वालों में खौफ का माहौल है. रात को ग्रामीण घर से बाहर भी नहीं निकल पाते और दिन के वक्त भी काफी डर लगा रहता है. हाथियों द्वारा फसल बर्बाद कर दी जाती है और वन विभाग के अधिकारी सिर्फ हमें मुआवजा देने की बात करते हैं. मगर हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से नहीं रोक पाते.
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