हरिद्वार: उत्तराखंड पुलिस ने एक पहल शुरू की है. वहीं, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के निर्देश के बाद मंगलवार को हरिद्वार में भीख मांगने और अन्य दूसरे कार्य करने वाले छोटे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया.जिसमें हरिद्वार जिले के सभी 459 बच्चों को चिह्नित किया है.साथ ही यह अभियान 20 दिनों तक चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत बच्चों का हेल्थ चेकअप के बाद स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा.
उत्तराखंड पुलिस ने भीख मांगने वाले बच्चों के लिए चला रहा है मुहिम, किया 459 बच्चों को चिह्नित. दरअसल, सरकार शिक्षा को लेकर कई योजनाएं बनाती है.इसके बावजूद भी कई ऐसे बच्चे हैं जो सरकारी योजनाओं के तहत शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते है.ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने भीख मांगने और अन्य दूसरे कार्य करने वाले छोटे बच्चों अभियान से जोड़ा जायेगा.
हर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. इसको लेकर सरकार कई योजनाएं बनाती है. इसके बावजूद भी कई ऐसे बच्चे हैं जो इन सरकारी योजनाओं के तहत शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते. उत्तराखंड पुलिस द्वारा एक पहल शुरू की गई है. पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के निर्देश के बाद मंगलवार को हरिद्वार में भीख मांगने और अन्य दूसरे कार्य करने वाले छोटे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया.
पुलिस ने हरिद्वार जिले के सभी क्षेत्रों से 459 बच्चों को चिन्हित किया है. पुलिस द्वारा शिक्षा का महत्व बच्चों और परिजनों को बताया जा रहा है. यह अभियान 20 दिनों तक चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत बच्चों और परिजनों की कॉउंसलिंग बच्चों का हेल्थ चेकअप के बाद बच्चों को स्कूल दाखिला दिलाया जाएगा.
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वहीं, सीओ सिटी अभय सिंह का कहना है कि पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जो गरीब बच्चें बचपन से ही भीख मांगने का कार्य कर रहे हैं. इससे अलग कार्य कर रहे हैं इन सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा. इसी के तहत एक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें इन बच्चों और इनके परिवार वालों की काउंसलिंग की जा रही है. हमारे द्वारा हरिद्वार से कलियर तक तमाम धार्मिक स्थान और सार्वजनिक स्थानों पर सर्वे करके 459 बच्चों का चयन किया गया है. उत्तराखंड पुलिस लोगों से अपील करती हैं कि भीख मांगने वाले बच्चों को पैसे न दे. उनको शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करें.
गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अब उत्तराखंड पुलिस ने एक मुहिम का आगाज किया है. जिनसे उनका बचपन भी धूमिल हो रहा है. पुलिस की एक पहल सराहनीय है और आने वाले दिनों में कई ऐसे बच्चों का भविष्य भी बनाएगी जो शिक्षा के अभाव में गलत राह पर चलने लगते हैं.