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रुड़की: आर्थिक मदद ना मिलने से नाराज सैनी समाज, मंत्री मदन कौशिक का पुतला फूंका - सैनी समाज का गुस्सा फुटा

हरिद्वार जिले के रुड़की में पिछले तीन सालों में सैनी समाज के 6 लोगों की अलग-अलग घटनाओं में हत्या हुई थी. जिसको लेकर सरकार की तरफ से परिजनों को मुआवजा देने की बात कही गई थी. लेकिन लंबा समय बीतने के बावजूद पीड़ित परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है.

रुड़की
मंत्री मदन कौशिक का पुतला फूंका

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Published : Aug 28, 2020, 8:39 PM IST

रुड़की: पिछले तीन सालों में रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र में सैनी समाज के 6 लोगों की हत्या हुई है. वहीं, सरकार की तरफ से आश्वासन के बावजूद भी पीड़ित परिवारों को अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है. जिसके चलते सैनी समाज के लोगों ने नाराजगी जताई है. ऐसे में सैनी समाज के लोगों ने लोकतांत्रिक जनमोर्चा के बैनर तले रुड़की के चंद्रशेखर चौक पर मदन कौशिक का पुतला फूंका और पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की.

प्रदर्शनकारी का कहना है कि सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने मृतक के आश्रितों को आर्थिक मदद करने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक कोई मदद नहीं दी गई. घटनाओं के बाद मात्र घोषणाएं हुई और ये घोषणाएं केवल अखबारों की सुर्खियां बनीं, लेकिन मृतकों के आश्रितों की अब तक किसी ने भी कोई सुध नहीं ली है. वहीं, मृतकों के परिजन विभागीय दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके हैं, लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. ऐसे में सरकार के इस रवैये से नाराज सैनी समाज के लोगों ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का पुतला फूंका.

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इस मौके पर लोकतांत्रिक जनमोर्चा संगठन के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र में पिछले करीब 3 सालों में सैनी समाज के लोगों की करीब 6 हत्याएं हुई थी. 2017 में हुई चाचा भतीजे दोहरे हत्याकांड के बाद कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने मृतक के आश्रितों को 3 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की थी, लेकिन आजतक पीड़ित परिजनों को कोई मदद नहीं की गई.

पीड़ित परिजनों ने कई बार मंत्री महोदय और सूबे की सरकार से मदद की गुहार लगाकर उनकी घोषणा याद दिलाने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में सरकार के इस रवैये से नाराज सैनी समाज के लोगों ने कैबिनेट मंत्री का पुतला दहनकर उन्हें उनके द्वारा की गई घोषणा की याद दिलाने का प्रयास किया है. यदि सरकार ने अब भी कोई संज्ञान नहीं लिया तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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