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हरिद्वार कारागार की रामलीला है खास, रिहर्सल में 6 से 8 घंटे पसीना बहा रहे कैदी, फेसबुक पर होगा प्रसारण

Ramleela will held in Haridwar jail हरिद्वार के कारागार में रामलीला के लिए कैदी रिहर्सल के दौरान 6 से 8 घंटे पसीना बहा रहे हैं. इस बार की रामलीला की खास बात ये है कि कैदियों की प्रतिभा को जनता भी फेसबुक पेज के जरिए देख सकते हैं.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 14, 2023, 5:26 PM IST

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हरिद्वार के कारागार में होगा रामलीला का मंचन

हरिद्वार: कहते हैं ईश्वर को जहां पूजा जाए, वो वहीं मिल जाते हैं. चाहे मंदिर हो घर हो या फिर जेल. भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी जेल में हुआ था. ऐसे में भगवान की लीला का मंचन कर अपराधी को मानसिकता को बदला जा सकता है. इसी को देखते हुए हरिद्वार के जिला कारागार में रामलीला का आयोजन होने जा रहा है. जिसके लिए जेल अधीक्षक ने पात्रों का चयन भी कर लिया है और अब कैदियों ने रामलीला के लिए रिहर्सल भी शुरू कर दी है.

कैदी अपने कैरेक्टर का कर रहे अभ्यास: वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि उनका उद्देश्य जेल में बंद कैदियों को देशप्रेम और अध्यात्म के प्रति जागरूक करना है. नवरात्रि के दूसरे दिन रामलीला जेल में प्रारंभ हो जाएगी और दशहरे वाले दिन जिला कारागार में रावण का वध दिखाया जाएगा. जिसकी तैयारियों को लेकर कैदियों की ओर से रोजाना 6 से 8 घंटे रामलीला की रिहर्सल की जा रही है.

फेसबुक के जरिए लोग देखेंगे जेल की रामलीला:मनोज कुमार आर्य ने बताया कि इस बार आमजन को भी जिला कारागार की रामलीला देखने को मिल पाएगी. इसके लिए जेल प्रशासन द्वारा एक फेसबुक पेज तैयार किया गया है. इस फेसबुक पेज के माध्यम से आमजन भी इस रामलीला को देख पाएंगे. साथ ही जिला कारागार में बंद कैदियों की प्रतिभा और उनकी रामलीला को लेकर की गई मेहनत भी लोगों के सामने आएगी. उन्होंने कहा कि रामलीला के दौरान जिला कारागार में कई अतिथियों को भी बुलाया जाएगा. जिससे कैदियों का हौसला बढ़ सके.

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40 फुट का रावण किया जा रहा तैयार:वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी जिला कारागार में दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन किया जाएगा, इसलिए 40 फुट का रावण तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले इस पुतले को छोटा रखा जाता था, लेकिन इस बार इस पुतले को 40 फुट का तैयार किया जा रहा है, जो कि खुद अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र होगा. इससे पहले इसी जेल में कृष्णलीला, रामलीला, शिवरात्रि और माता की चौकी समेत सुंदरकांड जैसे सफल आयोजन हो चुके हैं.

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