हरिद्वार: फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री 'काली' के पोस्टर (kali poster controversy) पर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर व निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाश आनंद गिरि (Swami Kailashanand on kali poster controversy ) ने काली फिल्म को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी पर बयान दिया है. उन्होंने कहा जो लोग इस तरह के कृत्य कर रहे हैं, वह लोग अज्ञानी हैं, विनाशकाले विपरीत बुद्धि.
दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाश गिरि ने आज काली फिल्म पर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर बोलते हुए कहा कि जो लोग टीआरपी और अपनी घटिया मानसिकता को दर्शाते हुए इस तरह के कृत्य कर रहे हैं वह अज्ञानी हैं. उन्होंने कहा शास्त्रों में भी कहा गया है कि जो भगवान और गुरू की निंदा करता है उसका समय नजदीक आ जाता है. जो देवी-देवताओं को नहीं समझता वो ही ऐसी बात करेगा, और जो करेगा जो मरेगा.
काली कॉन्ट्रोवर्सी पर बोले स्वामी कैलाशानंद गिरी पढ़ें-BJP की अहम बैठक आज, CM धामी सहित वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद, दायित्वों को लेकर होगी चर्चा!
कालिदास का उदाहरण देते हुए स्वामी कैलाशानंद ने कहा जब महान कवि कालिदास ने मां काली के शरीर की व्याख्या की तो कालिदास को सफेद दाग हो गए थे. तब कालिदास ने मां काली से पूछा मैंने तो आपके रूप की व्याख्या करनी चाही, आपने ऐसा क्यों किया? तो मां काली ने जवाब दिया कि तुम्हारा अधिकार सिर्फ और सिर्फ मेरे चरणों को छूने का है, उन्हें ही देखने का है. मेरे रूप के व्याख्यान या मेरे स्वरूप को सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे पिता महादेव देख सकते हैं, वे ही इसका व्याख्यान कर सकते हैं.
पढ़ें-Uniform Civil Code: केंद्र भी जल्द ला सकता है कानून, आठवले ने उत्तराखंड में UCC का किया समर्थन
स्वामी कैलाशानंद ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस कहानी से आप सबक ले सकते हैं कि ऐसे लोगों का क्या हाल होगा. बता दें फिल्मकार लीना मणीमेकलाई की फिल्म के इस पोस्टर का भारत में भारी विरोध हो रहा है. फिल्म के पोस्टर में मां काली की वेशभूषा में एक महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है. इस पोस्टर को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया जा रहा है. कई लोगों ने लीना के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.