हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन एक बार फिर से अनशन की राह पर है. इस बार मातृ सदन संस्था के प्रमुख स्वामी शिवानंद अनशन पर बैठेंगे. 14 दिसंबर से स्वामी शिवानंद अनशन शुरू करेंगे.
स्वामी शिवानंद ने बताया आज खबर आई कि गंगा में पुनः खनन खोलने के आदेश जारी किये गए हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को हरिद्वार में गंगा में खनन पर पाबंदी लगाने के निर्देश थे, जिसके तहत हमें लिखित में 9 अक्टूबर 2019 को सूचित किया गया था कि हरिद्वार गंगा में सभी खनन गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है.
इसके अलावा 2 सितंबर 2020 का भी पत्र है, जिसमें राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को लिखित में निर्देश जारी किये गए कि गंगा में खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगे. इसके बाद भी जब इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ, तब पुनः मेरे द्वारा तपस्या की गई, जिसके बाद 1 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने भी गंगा में खनन पूर्णतः बंद करने को कहा. हमें भी लिखित में भेजा गया कि गंगा में खनन को बंद करवा दिया गया है.
इन सबके बाद भी फिर से गंगा में खनन खोल दिया गया है. इन सबके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद, जो दोनों एक दुसरे के चट्टे-बट्टे हैं. वह जिम्मेदार हैं. स्वामी शिवानंद ने कहा वह 14 दिसंबर से दिन में मात्र 4 गिलास जल ग्रहण करेंगे और धीरे-धीरे जल का भी परित्याग कर देंगे. उन्होंने कहा कि निगमानंद के आत्मा को शांति के लिए और सानंद जी को दिए गए वचनों को पूरा करने के लिए मैं अपनी तपस्या आरंभ कर रहा हूं.