हरिद्वार:साल 1984 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दंगे फैल गए थे. दंगों की आग ने धर्मनगरी हरिद्वार को भी अपनी चपेट में लिया था. यहां भी उन दंगों ने विकराल रूप लिया था, जिसमें हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल संत पुरा आश्रम को आग के हवाले कर दिया गया. जब भी आश्रम के संत और स्थानीय लोग इस घटना को याद करते हैं, तो सहम जाते हैं.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया था. यह आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई थी. इसकी तपिश हरिद्वार तक भी पहुंची. हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम से जुड़े सिखों व संतों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. आश्रम के संत उस घटना को याद करके आज भी सहम जाते हैं. वह बताते हैं कि उनके साथ मारपीट की गई. साथ ही उनके आश्रम में आगजनी भी की गई. आग आश्रम के गेट के साथ कई होटल और घरों में आग लगा दी गई. साथ ही लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया गया.
हरिद्वार में मौजूद संतों और सिखों को जिंदा जलाने का प्रयास भी किया गया. हालांकि, उस घटना के बाद आजतक किसी भी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई. किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसको लेकर आज भी आश्रम के संत आक्रोशित हो जाते हैं जब इस घटना को याद करते हैं. हरिद्वार के स्थानीय लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले हैं.