रुड़की: देश की नामचीन संस्थान आईआईटी रुड़की के औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने एक अनोखा हेलमेट डिजाइन किया है. ये हेलमेट विस्फोट प्रतिरोधक क्षमता को झेलने में कारगर साबित होगा. ये हेलमेट आतंकवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है. प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) धमाकों से ये हेलमेट सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते. वजह यह है कि इनमें सिर और हेलमेट की ऊपरी परत के बीच खाली जगह रहती है. धमाके से उठने वाली तरंगों के कारण सिर को इन तरंगों से नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन आईआईटी द्वारा तैयार किया गया ये हेलमेट पूरी तरह से सुरक्षित है. बता दें रुड़की में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने ये हेलमेट तैयार किया गया है.
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ये हेलमेट आईआईटी के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने तैयार किया है. विस्फोट प्रतिरोधी यह हेलमेट जवानों के पारंपरिक हेलमेट की तुलना में ज्यादा बेहतर सुरक्षित है. आईआईटी रुड़की के यांत्रिक और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि यह पारंपरिक हेलमेट का ही उन्नत संस्करण है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं, जो विस्फोटक धमाकों से सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते.