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हरिद्वार: कोरोना काल में काम धंधा हुआ बर्बाद, व्यापारियों को कांवड़ यात्रा से आस - Haridwar Falguni Kavad Yatra

हरिद्वार में शुरू होने जा रहे फाल्गुनी कांवड़ यात्रा को लेकर एक बार फिर से व्यापारियों में उम्मीद जगी है. कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे कोरोबारियों ने शासन प्रशासन से इस बार लगने वाले कांवड़ मेले पर पांबदी न लगाने की अपील की है.

traders expect profit from Falguni Kavad Yatra
कोरोना काल में व्यापारी हुए बर्बाद.

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Published : Feb 17, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 6:03 PM IST

हरिद्वार: फाल्गुनी कांवड़ यात्रा शुरू होने में अब महज तीन दिन रह गए हैं, ऐसे में हरिद्वार के व्यापारियों को अभी भी कोरोना की पाबंदियों का अंदेशा सताने लगा है. व्यापारियों को आशंका है कि कहीं एक बार फिर पुलिस प्रशासन इस कांवड़ मेले पर रोक न लगा दे. वहीं, व्यापारियों ने पुलिस प्रशासन से कांवड़ मेला सही से संपन्न कराने की अपील की है, ताकि कारोबारियों को राहत मिल सके.

बता दें कि 20 फरवरी को हरिद्वार में कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए शासन प्रशासन ने तयारी शुरू कर दी है. लंबे समय बाद होने जा रहे फाल्गुन मास की कांवड़ यात्रा ने व्यापारियों में उम्मीद की एक किरण जगी है कि इस बार आने वाले कांवड़ियों पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी.

व्यापारियों को उम्मीद है कि लंबे समय से ठप पड़ा हरिद्वार का व्यापार एक बार फिर पटरी पर दौड़ सकेगा. होटल, धर्मशाला हो या फिर दुकानें सभी के प्रतिष्ठानों में लंबे समय से रौनक नहीं देखी गई है. लगातार कोरोना संक्रमण के चलते तमाम तरह की पाबंदियों ने व्यापार को पूरी तरह से चौपट कर दिया है.

व्यापारियों को कांवड़ यात्रा से आस

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भले दूसरे प्रदेश में किसी भी धार्मिक आयोजनों पर किसी तरह की कोई रोक न हो, लेकिन हरिद्वार में सरकार ने किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन को नहीं होने दिया. किसी भी स्नान पर अबतक लोगों को खुली छूट नहीं दी गई, जिसने हरिद्वार के व्यापारियों का कारोबार चौपट हो गया है. हालांकि, कोरोना के गिरते ग्राफ को देखते हुए सरकार ने हाल ही में प्रदेश में लागू नाइट कर्फ्यू खत्म कर दिया है, लेकिन व्यापारी अभी भी डरे हुए हैं.

क्या कहते हैं दुकानदार: व्यापारी नेता भोला शर्मा ने कहा कि मैं शासन-प्रशासन से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अब व्यापारियों का शोषण न किया जाए, तीन साल हो चुके हैं न कोई कांवड़ मेला रहा और न ही कुंभ मेला ठीक से हो पाया. कोई स्नान भी यहां नहीं हो पाया. इस समय यहां का व्यापारी आर्थिक रूप से टूट चुका है. बिजली, पानी बिल, बच्चों की फीस का बोझ उन पर बढ़ता जा रहा है. बस अब हर तरह के मेला व स्नान को हरिद्वार में अनुमति दी जानी चाहिए. कोई रोक शासन न लगाए. ऐसा कहीं नहीं है कि गंगा मैया में स्नान करने से कोरोना बढ़ता है. जब हरिद्वार में चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो स्नान क्यों नहीं ?

क्या कहते हैं होटल स्वामी:हरिद्वार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा का कहना है कि तीन साल से होटल कारोबारी पूरी तरह से टूट चुका है. उन्होंने शासन से अपील की है कि अब प्रतिबंधों को खत्म कर परेशान व्यापारियों को राहत दी जाए. जो यात्री और कांवड़िए हरिद्वार आना चाहते हैं, उनके आने का रास्ता सुगम किया जाए. अभी भी कोरोना रिपोर्ट की पाबंदी लगाई हुई है. सरकार को तीन साल से त्रस्त व्यापारियों के बारे में सोचना चाहिए. आने वाली सरकार को भी पहले चौपट हुए व्यापार की तरफ देखना चाहिए, राजनीति बाद की बात है. कर्ज में डूबा व्यापारी तभी सरकारी बकायों को दे सकेगा, जब पर्यटन चलेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी: एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि पुलिस ने कांवड़ मेले की तयारी पूरी कर ली है. इस बार जो कांवड़िए आएंगे उनके लिए पूरी व्यवस्था रहेगी. दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों को कांवड़ में आने के नियमों के बारे में बताया जा रहा है. सभी को भारत सरकार की कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा.

Last Updated : Feb 17, 2022, 6:03 PM IST

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