हरिद्वार: भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे और बाबरी विध्वंस को लेकर दिए गये बयान से चारों ओर किरकिरी हो रही है. कई साधु-संत साध्वी प्रज्ञा के इन बयानों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, अब साध्वी के बचाव में हरिद्वार के जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती सामने आए हैं. महंत का कहना है कि कुछ लोग सोची समझी साजिश के तहत फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं.
जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ विशेष संप्रदायों के लोगों को खुश करने के लिए साध्वी के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब यह जिम्मेदारी बनती है कि जिन्होंने हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की है. उन्हें साध्वी प्रज्ञा को विजयी बनाकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि संत समाज का पूरा आशीर्वाद साध्वी प्रज्ञा के साथ है. कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के बारे में बोलते हुए महंत ने कहा कि ये संतों के चरणों में आकर जब माफी मांगेंगे तभी माफ किया जाएगा.
साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर दो धड़ों में बंटा संत समाज. वहीं, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी साध्वी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष जब सताया जाता है उसकी पीड़ा सामने आ ही जाती है. उन्होंने कहा कि चुनाव में ही जनता अन्याय का बदला लेती है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने ही साध्वी को बम ब्लास्ट की साजिश में फंसाया था और हिंदू आतंकवाद का शब्द गढ़ा था.
संत प्रेमानंद सरस्वती का कहना है कि राजनीति में सिर्फ एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाला जा रहा है. शहीदों के लिए किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. समाज के लिए जो काम करेगा जनता उसे ही विजयी बनाएगी.
जबकि, ऐसे भी संतों की कमी नहीं है जो साध्वी के बयानों का खुलकर विरोध कर रहे हैं. संत संजय महंत ने खुलकर साध्वी प्रज्ञा का विरोध करते हुए कहा कि संत को ये शोभा नहीं देता कि वो कहे कि उसने बाबरी मस्जिद को गिराया है. संत को मर्यादा के अनुकूल रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराया है तो वो जवाब दें कि पिछले 5 सालों में राम मंदिर, धारा 370 गोवध अधिनियम सहित कई अन्य घोषणाएं अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ हिंदुओं की भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं.