लक्सर:हरिद्वार कुंभ में कोरोना काल के बीच साधु-संतों की शाही अंदाज में निकल रही पेशवाई इस कुंभ को नई और अलग पहचान दे रही है. इसी क्रम में पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा की भ्रमणशील मंडल शोभायात्रा निकली. ऊंट, घोड़ों, भांगड़ा, बैंड-बाजे व सुंदर-सुंदर झांकियों के साथ साधु-संत श्री बड़ा उदासीन अखाड़ा बादशाहपुर से शाहपुर पहुंचे.
शाहपुर आश्रम के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही कोठारी महंत जयनेंद्र मुनि के साथ उपस्थित बड़ी संख्या में बाहर से आए साधु-संत और महंतों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत किया. बादशाहपुर से लेकर शाहपुर आश्रम तक झांकी के दौरान लोगों ने साधु-संतों का आशीर्वाद लिया. इस दौरान पैराग्लाइडर से भी शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा होती रही.
बड़ा उदासीन अखाड़े का भ्रमणशील मंडल सनातन धर्म की धर्म-पताका फहराते हुए लक्सर में 2 मार्च को पहुंचा था. यहां से यह 3 मार्च को पीपली गांव, 6 मार्च को अकबरपुर ऊद, 10 मार्च को टांडा महतोली होता हुआ 16 मार्च को शाहपुर पहुंचा. यहां से यह शोभा यात्रा के रूप में 21 मार्च को शानो-शौकत के साथ धारीवाला गांव होते हुए शाहपुर बड़ा उदासीन अखाड़ा के शाखा में पहुंची. जहां से यह फेरूपुर होती हुई कनखल पहुंचेगी. वहां बड़ा उदासीन अखाड़े में धर्म-ध्वजा स्थापित की जाएगी. बड़ा उदासीन अखाड़े का प्रथम स्नान 4 अप्रैल को होगा.