हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरिद्वार के भूपतवाला स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व ने अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है. इस जमीन पर 1986 में लीज खत्म होने के बाद अबतक बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम के लोगों ने कब्जा कर लिया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद शनिवार को राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कब्जा हटाकर अपनी जमीन वापस हासिल कर ली है.
बा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन वन विभाग से खड़खड़ी स्थित बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम ने गौशाला के नाम पर 1976 में दस साल के लिए भूमि लीज पर ली थी. 1986 में लीज समाप्त होने पर भी आश्रम ने भूमि को खाली नहीं किया. उसके बाद कंजर्वेशन एक्ट भी आया, बावजूद आश्रम प्रबंधन ने भूमि पर कब्जा जमाए रखा. इसी दौरान राजाजी पार्क का गठन हुआ और इस जमीन को खाली करने को दूधाधारी आश्रम को कहा गया, लेकिन आश्रम संचालकों ने जमीन कब्जाने की नीयत के चलते कब्जा हटाने से इनकार कर दिया था.
पढ़ें-निगम लगा रहा 'स्वच्छ भारत अभियान' को पलीता, शौचालय न बनने पर लोगों ने लगाए गंभीर आरोप
इसे लेकर विभाग ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. सालों तक मामला कोर्ट में चलने के बाद 14 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व के पक्ष में फैसला सुनाया और आदेश दिए कि 31 मई 2019 तक जमीन खाली कर पार्क को सौंप दी जाए. इसी आदेश के तहत महकमे ने मौके पर जाकर अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है.
बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन कोमल सिंह ने बताया यह भूमि रिजर्व एरिया में आती है, इसपर आश्रम स्थापित होने की वजह से जंगली जानवरों का जीवन प्रभावित हो रहा था. लेकिन, अब रिजर्व फॉरेस्ट का यह इलाका खाली होने से रिजर्व प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.
पढ़ें-'निशंक' के केंद्रीय मंत्री बनने पर संत समाज में खुशी की लहर, कहा- अब होगा
बता दें कि दूधाधारी बर्फानी आश्रम जिसके नाम पर हरिद्वार का प्रमुख दूधाधारी चौक रखा गया है. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वन विभाग ने भी इस अवैध कब्जे को खाली कराकर राहत की सांस ली है मगर अभी भी वन विभाग की जमीनों पर कई अवैध कब्जे हैं. अब देखना होगा वन विभाग कब तक उन अवैध कब्जों को भी खाली करा पता है.