लक्सरःशहर में शिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लगी रही. चारों ओर बम-बम भोले गूंज रहा है. इस बार की शिवरात्रि काफी खास है. बता दें फाल्गुन मास की शिवरात्रि 12 मास की शिवरात्रियों में सबसे अधिक फलदायी होती है.
लक्सर में महाशिवरात्रि की धूम. जितना पुण्य हमें 12 शिवरात्रि को मिलाकर मिलता है उतना फाल्गुन मास की एक शिवरात्रि के व्रत व पूजन से फल मिल जाता है. पार्वतीजी ने आज ही के दिन हजारों साल की तपस्या के बाद भगवान शिव को पति के रूप में पाया था.
इसलिए इस शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है. फाल्गुन मास की शिवरात्रि में भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को जलाभिषेक, रूद्राभिषेक और भांग धतूरा और बेलपत्र व अपनी सामर्थ्य के अनुसार अभिषेक करने से प्राणी को सांसारिक सुख के साथ सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.
कहा जाता है कि भोलेनाथ शंकर सीधे और सरल स्वभाव के हैं. भक्त कुछ और नहीं चढ़ा सकता तो मात्र एक लोटा जल से ही प्रसन्न कर सकते हैं.
कहा जाता है कि शिवरात्रि की रात में रात भर भगवान शिव का केवल ओम नमः शिवाय का ही जाप किया जाए और रात भर जागरण किया जाए भगवान शिव बहुत जल्द ही प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
लक्सर क्षेत्र के प्राचीन शिव मंदिर पतलेश्वर मंदिर और पंचेश्वर महादेव मंदिर में भक्त जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. मंदिर के महंत बावन गिरी महाराज ने बताया कि फाल्गुन मास के दौरान महाशिवरात्रि को सुबह रुद्राभिषेक किया जाता है.
फाल्गुन मास शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है. जो भी भक्त भगवान शिव की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना करता है भगवान भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं.
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प्राचीन पंचमेश्वर मंदिर में भी पूजा-अर्चना करने से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यहां दूर-दूर से भक्त पूजा अर्चना करने आते हैं. भगवान भोलेनाथ भी सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. वही पंचेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी बावन गिरी महाराज ने बताया पंचेश्वर महादेव में अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां ठहरे थे.
इस स्थान का महत्व विशेष माना जाता है. लक्सर के पुराने शिव मंदिर में भक्तों का अटूट विश्वास है. कहा जाता है कि पूजा अर्चना करने से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसलिए यहां दूर-दूर से भक्त पूजा अर्चना करने आते हैं.