रुड़की: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दिल्ली में नकली रेमडेसिविर और उसकी कालाबाजारी को लेकर दिल्ली क्राइम ब्रांच और ड्रग विभाग ने हरिद्वार में दो से तीन जगहों पर छापेमारी की है. दिल्ली में पकड़े गए आरोपियों के निशानदेही पर हरिद्वार के रुड़की सहित अन्य जगहों पर पहुंचे क्राइम ब्रांच ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है. हालांकि, दिल्ली में पकड़े गए आरोपी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए और उत्तराखंड ड्रग विभाग की सतर्कता के कारण वह उत्तराखंड में अपने पैर पसारने से पहले की पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गए हैं.
इंजेक्शन पर लिखा है गलत पता. पकड़े गए आरोपी के पास से ड्रग विभाग ने रेमडेसिविर से मिलते जुलते इंजेक्शन और उसके बॉक्स बरामद किए हैं, जिसे दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. आगे की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है. इसके साथ ही ड्रग विभाग अब इस बात की भी जांच कर रहा है की यह सैंपल और इंजेक्शन यहां क्या कर रहे थे.
गौर हो कि लखनऊ और दिल्ली में बड़े पैमाने पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी और उसी नाम से बिना ड्रग विभाग की परमिशन के ही बाजार में नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन की खेप उतार दी गई है. जांच में ये पाया गया है कि इंजेक्शन के डब्बे पर निर्माता कंपनी का जो पता और राज्य लिखा गया है, वो सही नहीं है. ऐसे में दिल्ली क्राइम ब्रांच इसी कड़ी को जोड़ने में लगी है कि इस महामारी के दौर में कौन लोग लोगों को सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं.
बाजार में मिल रहा नकली रेमडेसिविर. ये भी पढ़ें:कैलाश अस्पताल में बची है सिर्फ 3 घंटे की ऑक्सीजन, भर्ती हैं 200 कोरोना मरीज
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने हरिद्वार के रुड़की से वतन कुमार सैनी नाम के युवक को गिरफ्तार किया है. दिल्ली क्राइम ब्रांच उसे अपने साथ ले गई है. केंद्र सरकार की DCGI को सिक्किम सरकार ने पत्र लिखकर यह कहा था कि जो इस वक्त बाजार में नकली इंजेक्शन दिख रहा है, उसपर लिखा गया पता सही नहीं है. ऐसे में एक गिरोह इस पूरे काम को अंजाम दे रहा है और इस पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है.
बता दें कि जिस वतन कुमार सैनी को दिल्ली क्राइम ब्रांच पकड़कर ले गई है, उसकी रुड़की में एक दवा की कंपनी को पहले ही उत्तराखंड ड्रग विभाग बंद करवा चुका है. अंदेशा यही जताया जा रहा है कि इस काले कारोबार में इस व्यक्ति का भी हाथ है. आरोपी वतन कुमार सैनी के पास पिछले दिनों रुड़की में पकड़ी गई फर्जी दवा कंपनी aegis pharmaceutical की दवाई और दवा के पैकिंग बॉक्स भी मिले थे और इंजेक्शन की खाली शीशियां उसकी कार में मिली थी, जिनको ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा सीलकर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है.
उधर, ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की मानें तो अधिकारियों के निर्देश पर लगातार मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की जा रही है. लोगों से भी यह लगातार अपील की जा रही है कि जो ऑथराइज्ड मेडिकल स्टोर हैं वहीं से इंजेक्शन और दवाएं खरीदें.