गंगा स्नान करने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में मकर संक्रांति पर्व को लेकर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है.सभी गंगा घाटों पर सुबह से स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. वहीं मकर संक्रांति पर्व पर गंगा स्नान का खास महत्व है. मकर संक्रांति स्नान को धार्मिक लिहाज से काफी पुण्यदायी माना जाता है. हरिद्वार में सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का खास महत्व है. क्योंकि मकर संक्रांति के पर्व के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते हैं. इसलिए मकर संक्रांति के स्नान को खास माना जाता है. हरिद्वार में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ी. देशभर से आए श्रद्धालुओं गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
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ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी का है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी की रात 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहें हैं. लेकिन हरिद्वार में आज से ही गंगा स्नान शुरू हो गया है. पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है. भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर शैय्या पर लेटे रहे. मान्यता है कि, जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है, उनका जन्म पृथ्वी लोक पर नहीं होता. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है. पर्व पर पवित्र नदी में स्नान करके तिल, खिचड़ी, वस्त्र का दान करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है.
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उत्तरायण पर्व सभी प्रदेशों में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि कहीं मकर संक्रांति, कहीं पर पोंगल और कहीं पर उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है, मगर इसका एक ही सार होता है. इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं, तो उससे आपके पित्र तृप्त होते हैं. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, आज से सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करेंगे और आज से ही उत्तरायण की शुरूआत हो जाएगी. इसके तहत 6 महीने दक्षिणायन में देवों की रात और 6 महीने उत्तरायण में देवों का दिन माना जाता है. आज से ही देवों के दिन शुरू हो जाएंगे और मुंडन, यज्ञोपवीत, विवाह आदि सभी मांगलिक कार्यों की शुरूआत होगी.