हरिद्वार:आज सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है. वैसे तो सभी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है, मगर सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और जीवनदायी है. उस पर दीपावली के अगले दिन सोमवती अमावस्या पड़ने का योग अत्यंत महत्वपूर्ण है. गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. आज शाम तक हरिद्वार में करीब 2.50 लाख भक्तों ने गंगा स्नान किया.
आज है सोमवती अमावस्या:गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु आये हैं. मान्यता है कि इस अवसर पर गंगा स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन में सुख और शांति आती है. पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. मेला क्षेत्र को 5 सुपर जोन, 26 जोन और 39 सेक्टर में बांट कर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान:पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है. मगर सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अर्थात भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था. आज मात्र जल स्नान करना व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल दे देता है. आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना, उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो, वह सुधर जाता है.