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हरिद्वार में अपराधियों पर एक्शन! 47 के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई, 14 गैंगस्टर पर मुकदमे दर्ज

Haridwar Police Action on Criminals जहां एक तरफ हर कोई अपने अंदाज में नए साल की बधाई दे रहा है तो वहीं हरिद्वार पुलिस ने भी बदमाशों और अपराधियों को अलग अंदाज में ही नए साल की बधाई दी है. पुलिस ने कानून व्यवस्था के लिए खतरा बने 47 आरोपियों पर गुंडा एक्ट के तहत की कार्रवाई की है. जबकि, 14 गैंगस्टर के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए हैं.

Haridwar SSP Pramendra Dobal
हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 1, 2024, 6:13 PM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में अपराध पर लगाम लगाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल सख्त रवैया अपना रहे हैं. नए साल में कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गैंगस्टर के 14 मुकदमे दर्ज किए हैं. जबकि, 47 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की गई है. जिसे आदतन अपराधियों के लिए सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है.

गैंगस्टर एक्ट के तहत इन पर हुई कार्रवाई: हरिद्वार जिले में कई अपराधियों और गैंगस्टरों पर कार्रवाई की गई है. एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के मुताबिक, कोतवाली नगर हरिद्वार में गैंग लीडर दीपक उर्फ गंजा (लूट/डकैती), कोतवाली ज्वालापुर में गैंग लीडर राव जकीउल्लाह (वाहन चोर), कोतवाली रानीपुर से गैंग लीडर विशाल उर्फ फुकरा (चोरी/नकबजनी), कोतवाली रुड़की से गैंग लीडर शहजाद (नकबजनी), कोतवाली गंगनहर से गैंग लीडर अमन (वाहन चोर), कोतवाली लक्सर से गैंग लीडर शाह आलम उर्फ भूरा (नशा तस्करी/चोरी) के गैंग के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

इसके अलावा कोतवाली मंगलौर से गैंग लीडर विनीत (लूट), थाना भगवानपुर से गैंग लीडर अभिषेक (वाहन चोरी), थाना श्यामपुर से गैंग लीडर हुकुम सिंह (चोरी), थाना बहादराबाद से गैंग लीडर कुर्बान (लूट/चोरी), थाना कनखल से गैंग लीडर कुशवाह (अवैध कब्जा), थाना सिडकुल से गैंग लीडर विशाल (चोरी), थाना झबरेड़ा से गैंग लीडर विशाल (वाहन चोरी) और थाना बुग्गावाला से गैंग लीडर जाविद (पशु चोरी) आदि लोगों की ओर से संचालित गैंगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. जिसमें 14 गैंगों में से 45 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है.

गुंडा एक्ट में कार्रवाई: गुंडा एक्ट के तहत हरिद्वार जिले में 47 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जिसमें कोतवाली नगर हरिद्वार से 5 शराब तस्कर, कोतवाली ज्वालापुर से 2 शराब माफिया/सटोरी, कोतवाली रानीपुर से 2 शराब तस्कर, कोतवाली रुड़की से 3 चोर/शराब तस्कर, कोतवाली लक्सर से 5 नशा तस्कर, कोतवाली मंगलौर से 2 शराब तस्कर शामिल हैं.

इसके अलावा थाना कनखल से 3 शराब तस्कर, थाना सिडकुल से 2 वाहन चोर, थाना बहादराबाद से 5 वाहन चोर, थाना कलियर से 4 पशु तस्कर, थाना पथरी से 4 शराब तस्कर, थाना खानपुर से 2 शराब तस्कर, थाना झबरेड़ा से मारपीट के आदतन 2, थाना भगवानपुर से 5 शराब तस्कर/वाहन चोर और थाना बुग्गावाला से 1 चोर शामिल हैं.
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कौन होता है गैंगस्टर? इसमें अपराधी या बदमाश संगठित होकर अपराध को अंजाम देते हैं. अपराध करने का मकसद समाज में दहशत फैलाकर अपना धंधा चलाना होता है. जैसे अन्य लोग काम कर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, उसी तरह ये लोग गैंग बनाकर अपराध करते हैं, फिर अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में इस गिरोह में शामिल व्यक्ति को गैंगस्टर कहा जाता है. पुलिस की ओर से तैयार गैंग चार्ट के हिसाब से ही संबंधित जिले के डीएम और एसएसपी आरोपी को गैंगस्टर घोषित करते हैं.

क्या है गैंगस्टर एक्ट? गैंगस्टर एक्ट का प्रावधान इसलिए लाया गया, ताकि जो लोग असल में अपराधी हैं और गैंग चलाकर समाज में दहशत फैलाते हैं. उनके खिलाफ मजबूत कानूनी कार्रवाई की जा सके. दरअसल, कई बार अपराधी खुद अपराध करने के बजाय एक गिरोह बनाकर अपराध करते हैं. जैसे हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी आदि ऐसी घटनाओं को मिलकर अंजाम देते हैं. इन्हें रोकने और लंबे समय तक जेल में रखने के लिए साल 1986 में गैंगस्टर एक्ट बनाया गया था.

गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई: गैंगस्टर एक्ट में दोषी अपराधी को कम से कम दो साल और अधिकतम दस साल तक की सजा दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा गैंग बनाकर कमाई की गई चल एवं अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अधिकार डीएम को दिया गया है.

गुंडा एक्ट को जानिए: आदतन अपराधियों को एक निश्चित क्षेत्र से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए गुंडा एक्ट बनाया गया है. इस कानून के तहत डीएम को गुंडा एक्ट के तहत आदतन अपराधी को जिला बदर करने का अधिकार दिया गया है. थाने से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर डीएम निश्चित अवधि के लिए आरोपी को जिला बदर करने का आदेश जारी करता है.

ऐसे में कार्रवाई करते हुए संबंधित थाना पुलिस की ओर से आरोपी को जिले से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है. आम भाषा में इसको जिला बदर की कार्रवाई कहते हैं. नियत अवधि के दौरान जिले में मौजूदगी मिलने पर आरोपी के खिलाफ अलग से मुकदमा दर्ज किया जाता है, जो किसी भी आरोपी के लिए घातक साबित होता है.
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