हरिद्वारःसुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर चल रही सुनवाई को लेकर पूरे देश में माहौल गर्म है. हरिद्वार के साधु संतों ने भी समलैंगिक विवाह का विरोध किया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने समलैंगिक विवाह कानून का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और साथ ही न्यायाधीशों को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने न्यायाधीशों से आग्रह किया है कि समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर घोर चिंतन किया जाना चाहिए.
महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि समलैंगिक विवाह के कानून को मान्यता देने भारत की परंपरा और संस्कृति के लिए बहुत ही घातक साबित होगा. इसलिए इस पर विशेष चिंतन किया जाना चाहिए. पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव रविंद्र पुरी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को पत्र भेज कर समलैंगिक विवाह को मान्यता दिए जाने संबंधी याचिका की सुनवाई में उन्हें भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिए जाने की मांग की है.
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