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लॉकडाउन: भूखे प्यासे घरों के लिए पैदल ही रवाना हुए मजदूर, पुलिस कर रही मदद

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते अपना रोजगार गंवा चुके मजदूर अब पैदल ही मीलों का सफर कर अपने घरों की ओर रवाना हो चुकें है. इस दौरान मजदूरों का भूखे प्यास मीलों का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं. वहीं, इन मजदूरों की दशा को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस समेत कई सामाजिक संगठन इन्हें खाना खिला रहे हैं.

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पैदल ही रवाना हुए मजदूर

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Published : Mar 27, 2020, 6:01 PM IST

Updated : Mar 27, 2020, 11:28 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में लॉकडाउन के कारण अलग अलग स्थानों में पिछले पांच दिनों से फंसे कई मजदूर अब मीलों का सफर तय कर पैदल ही अपने घर उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों के लिए निकल पड़े हैं. उत्तर प्रदेश के बिजनौर, नजीबाबाद, नगीना, धामपुर व मुरादाबाद जैसे कई इलाकों से देहरादून के सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में रोजी- रोटी कमाने आए मजदूरों का काम बंद हो चुका है. ऐसे में किसी तरह का साधन होने के कारण मजदूर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव की ओर पैदल ही जा रहे हैं. हालांकि, इन मजदूरों के लिए राहत की बात यह है कि उनको रास्ते में उत्तराखंड पुलिस और कई सामाजिक संगठन खाने पीने की वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं.

वहीं, घर के लिए पैदल निकले इन मजदूरों का कहना है कि वह आज सुबह 9 बजे सेलाकुई के छोटा रामपुर से निकले थे और 3 बजे तक वह देहरादून पहुंचे हैं. ऐसे में लगता है कि उन्हें अपने घर पहुंचने के लिए कम से कम डेढ़ दिन और लगेगा. गनीमत यह है कि उनको रास्ते में खाने पीने के लिए मदद मिल रही है. वहीं, लॉकडाउन के कारण सड़कों पर किसी तरह की आवाजाही ना होने के देहरादून छोटा रामपुर से लगभग 2 सौ किलोमीटर की दूरी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के लिए मजदूर पैदल निकल पड़े हैं.

पैदल ही रवाना हुए मजदूर

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इन मजदूरों से ईटीवी भारत में जब बातचीत की तो पता चला कि इनमें से कुछ लोग फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते थे. कुछ लोग क्रॉकरी और टेंट हाउस में काम करते थे, लेकिन सब कुछ लॉकडाउन में बंद होने के चलते इन्होंने किसी तरह से 5 दिन तक तो एक जगह रुक अपना गुजारा किया. वहीं, अब स्थिति ज्यादा बिगड़ती देख यह लोग मीलों की दूरी तय कर अपने घर को निकल पड़े हैं.

Last Updated : Mar 27, 2020, 11:28 PM IST

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