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उत्तराखंड में धीमी गति से चल रहा अमृत सरोवर का काम, अब तक सिर्फ 247 तालाबों का निर्माण

प्रदेश में अमृत सरोवर (Amrit Sarovar Yojana in Uttarakhand) का काम धीमी गति से चल रहा है. प्रदेश में कुल 1279 तालाब बनाए जाने हैं, इसके सापेक्ष अभी तक कुल 247 तालाबों का ही निर्माण पूरा हो पाया है. 15 अगस्त तक प्रदेश में 375 तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया था.

work of Amrit Sarovar Yojana in Uttarakhand is going on at a slow pace.
प्रदेश में धीमी गति से चल रहा अमृत सरोवर का काम

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Published : Aug 8, 2022, 8:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana in Uttarakhand) का काम धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में कुल 1279 तालाब बनाए जाने हैं, इसके सापेक्ष अभी तक कुल 247 तालाबों का ही निर्माण पूरा हो पाया है. 15 अगस्त तक 375 तालाब बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित था, जो फिलहाल पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को अमृत सरोवर योजना की औपचारिक घोषणा की थी. इस योजना के तहत देशभर में प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाब बनाए जाने हैं. उत्तराखंड में इस योजना के तहत कुल 1279 स्थलों को चिन्हित किया गया है. इनमें से 959 नए तालाब और 320 का जीर्णोद्धार किया जाना है.

प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग को 926, वन विभाग को 312 और शहरी विकास विभाग को 41 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया है. फिलहाल सभी विभाग लक्ष्य से पिछड़ते नजर आ रहे हैं. योजना के तहत चिन्हित स्थानों पर एक हेक्टेयर भूमि पर सरोवर का निर्माण कर 10 क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित किया जाना है, लेकिन उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए एक हेक्टेयर से कम भूमि में भी सरोवर बनाने की छूट दी गई है.

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तलाबों में जमा पानी का उपयोग सिंचाई के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि में किया जाएगा. इसके अलावा यह भू-जल रिचार्ज का बड़ा स्रोत बनेंगे. इन तालाबों के निर्माण से प्रदेश में हर वर्ष वनों में लगने वाली को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी.

जाया हो जाता है बारिश का पानी:एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में प्रतिवर्ष तकरीबन 1500 मिमी बारिश होती है. जिसमें मानसून का योगदान 1200 मिमी से अधिक है. बारिश का यह पानी जाया चला जाता है. इसका कुछ हिस्सा इन तालाबों में समेटा जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से अमृत सरोवर की परिकल्पना की गई है, ताकि बरसात के पानी को संग्रहित कर आने वाले दिनों में उसका उपयोग किया जा सके.

15 अगस्त को अमृत सरोवरों के पास फहराया जाएगा तिरंगा:आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 15 अगस्त को सभी नवनिर्मित सरोवरों के पास तिरंगा फहराया जाएगा. इसके लिए बकायदा अलग चबूतरा तैयार किया जा रहा है. इस दिन शहीद सैनिकों के परिजनों, रिटायर सैन्य अधिकारी, पद्मश्री, पद्मभूषण या अन्य किसी सम्मानित व्यक्ति के हाथों तिरंगा फहराया जाएगा. विभाग की ओर से इसकी युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है.

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आयुक्त ग्राम्य विकास के अपर सचिव आनंद स्वरूप ने कहा कि प्रदेश में अमृत सरोवर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. 15 अगस्त तक 375 अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा. बरसात के कारण कुछ दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन कोशिश की जा रही है कि निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूरा कर लिया जाए.

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