देहरादून: उत्तराखंड में अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana in Uttarakhand) का काम धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में कुल 1279 तालाब बनाए जाने हैं, इसके सापेक्ष अभी तक कुल 247 तालाबों का ही निर्माण पूरा हो पाया है. 15 अगस्त तक 375 तालाब बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित था, जो फिलहाल पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को अमृत सरोवर योजना की औपचारिक घोषणा की थी. इस योजना के तहत देशभर में प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाब बनाए जाने हैं. उत्तराखंड में इस योजना के तहत कुल 1279 स्थलों को चिन्हित किया गया है. इनमें से 959 नए तालाब और 320 का जीर्णोद्धार किया जाना है.
प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग को 926, वन विभाग को 312 और शहरी विकास विभाग को 41 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया है. फिलहाल सभी विभाग लक्ष्य से पिछड़ते नजर आ रहे हैं. योजना के तहत चिन्हित स्थानों पर एक हेक्टेयर भूमि पर सरोवर का निर्माण कर 10 क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित किया जाना है, लेकिन उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए एक हेक्टेयर से कम भूमि में भी सरोवर बनाने की छूट दी गई है.
पढ़ें-लक्ष्य सेन ने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता GOLD, दादा की विरासत को बढ़ा रहे आगे, ऐसा रहा सफर
तलाबों में जमा पानी का उपयोग सिंचाई के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि में किया जाएगा. इसके अलावा यह भू-जल रिचार्ज का बड़ा स्रोत बनेंगे. इन तालाबों के निर्माण से प्रदेश में हर वर्ष वनों में लगने वाली को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी.