देहरादून: बीती 24 जुलाई को देहरादून के केदारपुरम स्थित नारी निकेतन से एक बालिका के गायब होने और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने कि घटना सामने आई थी. जिसके विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस नेता कमलेश शर्मा के नेतृत्व में महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने नारी निकेतन में सांकेतिक धरना देकर अपना रोष व्यक्त किया है.
वहीं, इस दौरान महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश शर्मा का कहना था कि नारी निकेतन से जिस तरह नाबालिग इतनी सुरक्षा के बावजूद गायब हो जाती है और जब नाबालिग को पुलिस बरामद करती है तो उस बच्ची के साथ बलात्कार जैसी जघन्य घटना घटित हो जाती है. इससे नारी निकेतन की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है.
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महिला कांग्रेस ने इस प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच किए जाने और नारी निकेतन के वॉर्डन और सुरक्षा गार्ड को बर्खास्त किए जाने की मांग की है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नारी निकेतन में धरना दिए जाने के फैसले को उचित ठहराते हुए महिला कांग्रेस के धरने का समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि नारी निकेतन अव्यवस्थाओं और कुव्यवस्थाओं का उदाहरण बन गया है, जहां से हमारी बेटियां कुव्यवस्थाओं से तंग आकर भाग रही हैं.
हरीश रावत ने कहा कि आप वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने की बजाए छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. हरीश रावत ने कहा कि मैं कमलेश रमन और उनके साथियों को बहुत बधाई देता हूं, जिन्होंने नारी निकेतन के सम्मुख भूख हड़ताल की है.
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पूर्व सीएम हरीश रावत के अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि वे भी नारी निकेतन की अव्यवस्थाओं के खिलाफ महिला कांग्रेस के साथ धरने पर बैठना चाहते थे, लेकिन उनकी उपस्थिति के चलते राज्य सरकार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऊपर मुकदमा दायर कर देती. इसलिए वे अपने आवास पर सांकेतिक समर्थन उपवास कार्यक्रम के तहत बैठे हैं.