देहरादूनः कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही है. हरक की नाराजगी पार्टी से निकलकर प्रदेशभर में इस वक्त चर्चा का विषय बनी हुई है. बीते दिनों हुई एक कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे. इसके बाद आज वन विभाग के मंथन सभागार में ई-ऑफिस के लोकार्पण समारोह में भी हरक सिंह रावत को आमंत्रित किया गया था, लेकिन हरक वहां भी नहीं पहुंचे. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हिलोरे मार रही है कि हरक की नाराजगी अभी भी बरकरार है.
हरक की खुलेआम नाराजगी उस वक्त सामने आई थी, जब कुछ दिन पहले श्रम विभाग ने भवन सन्निर्माण एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया. इसमें हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, इतना ही नहीं उनके चहेतों को भी बोर्ड से बाहर कर दिया गया.
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वन विभाग के मंथन सभागार में ई-ऑफिस के लोकार्पण समारोह को लेकर चर्चाएं थी कि हरक इस कार्यक्रम में शामिल होंगे लेकिन आज भी हरक सिंह रावत कोटद्वार में हैं. बता दें कि ई-ऑफिस कार्यक्रम के लिए वन विभाग ने विशिष्ट अतिथि के रूप में वन मंत्री हरक सिंह को भी आमंत्रित किया था. इससे पहले एक आयुष अस्पताल एवं वैलनेस सेंटर के उद्घाटन समारोह में भी सीएम रावत के साथ ही श्रम एवं वन मंत्री हरक सिंह को आमंत्रित किया गया था. इसमें भी हरक सिंह नहीं पहुंचे थे. दोनों कार्यक्रमों से किनारा करने को हरक सिंह की नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है.
कहा जा रहा है कि श्रम मंत्री की जानकारी में लाए बिना ही बोर्ड का पुनर्गठन करने से हरक सिंह नाराज हैं. इस वजह से उन्होंने चुप्पी भी साध रखी है. उनकी ओर से यही कहा गया है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात करने के बाद ही वे अपनी चुप्पी तोड़ेंगे. उधर, मामले में सीएम रावत का कहना था कि हरक से मुलाकात होगी तो बात भी हो जाएगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि हरक और सीएम त्रिवेंद्र की मुलाकात कब होती है.