देहरादूनःकोरोना संकटकाल में प्रदेश के सरकारी महकमों को भारी राजस्व के नुकसान के दौर से गुजरना पड़ रहा है. उत्तराखंड परिवहन विभाग की बात करें तो इस साल सितंबर महीने तक महज 225 करोड़ का राजस्व ही मिल पाया है. जबकि, इस वित्तीय वर्ष 2020-21 का निर्धारित लक्ष्य 960 करोड़ था.
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड परिवहन विभाग ने कुल 425 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था, लेकिन इस बार कोरोना संकटकाल में जारी लॉकडाउन के चलते करीब 4 महीनों तक प्रदेश के सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में कार्य ठप चलने की वजह से बेहद कम राजस्व मिल पाया है.
भारी घाटे से जूझ रहा परिवहन विभाग. ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड में सड़क हादसों पर चौंकाने वाली रिपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी हादसों की 'रफ्तार'
उत्तराखंड परिवहन विभाग के उपायुक्त सनत कुमार सिंह की मानें तो इस बार कम राजस्व प्राप्त होने की एक बड़ी वजह कोरोना संकटकाल में जारी लॉकडाउन है. सरकार की ओर से कमर्शियल वाहन चालकों को टैक्स में दी गई छूट की वजह से भी कम राजस्व मिल रहा है.
ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को छू पाना तो मुश्किल है, लेकिन शेष बचे कुछ महीनों में उम्मीद की जा सकती है कि राजस्व प्राप्ति में कुछ बढ़ोत्तरी जरूर दर्ज की जाएगी. जहां इस साल सितंबर महीने तक महज 225 करोड़ का राजस्व ही मिल सका है. वहीं, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक उम्मीद की जा रही है कि विभाग को करीब 480 करोड़ तक का राजस्व मिल जाएगा.